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पटना : बिजली दर बढ़ाने पर आज से दो दिन सुनवाई, आप भी रखें पक्ष

आम लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगे जायेंगे पटना : राज्य में बिजली दर में बढ़ोतरी को लेकर पटना के बिहार विद्युत विनियामक आयोग के कोर्ट रूम में सोमवार और मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे से जन सुनवाई होगी. वहां प्रमंडल का कोई भी व्यक्ति, एजेंसी या कंपनी अपना पक्ष रख सकती है. इसके बाद […]

आम लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगे जायेंगे
पटना : राज्य में बिजली दर में बढ़ोतरी को लेकर पटना के बिहार विद्युत विनियामक आयोग के कोर्ट रूम में सोमवार और मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे से जन सुनवाई होगी. वहां प्रमंडल का कोई भी व्यक्ति, एजेंसी या कंपनी अपना पक्ष रख सकती है. इसके बाद विज्ञापन निकाल कर आम लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगे जायेंगे. इन सभी सुझावों और बिजली कंपनियों के प्रस्तावों पर विचार के बाद बिहार विद्युत विनियामक आयोग बिजली दर बढ़ाने के संबंध में उचित निर्णय लेगा.
सूत्रों का कहना है कि पहले दिन साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की याचिकाओं पर आयोग सुनवाई करेगा. दूसरे दिन बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर की याचिकाओं पर सुनवाई होगी. इससे पहले गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुरऔर सहरसा प्रमंडल में जन सुनवाई हो चुकी है.
बिजली दर में 5 – 10% बढ़ोतरी का प्रस्ताव
दरअसल बिजली कंपनियों ने 30 नवंबर 2018 को बिहार विद्युत विनियामक आयोग को बिजली की दर में पांच से दस फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. आयोग के पास यह याचिका 15 नवंबर 2018 तक देनी थी, लेकिन बिजली कंपनियों के अनुरोध पर समय सीमा बढ़ा दी गयी थी. नये प्रस्ताव में फिक्स चार्ज में भी बढ़ोतरी शामिल है.
कौन-सी नयी श्रेणी
शहरों की तर्ज पर अब गांवों के लिए भी स्ट्रीट लाइट की श्रेणी बनी है. पंचायतों या किसी और स्रोत से स्ट्रीट लाइट का शुल्क वसूला जायेगा. नल-जल योजना के तहत गांवों में भी पेयजल के लिए एक नयी श्रेणी बनायी गयी है. वहीं किसानों को अब तक खेती के लिए कनेक्शन में 400 रुपये फिक्सड चार्ज देने पड़ते थे. नये प्रस्ताव में इसे हटा दिया गया है.
क्यों हो रही बढ़ोतरी की मांग : प्रदेश के हर घर में बिजली पहुंचाने के लिए नेटवर्क का विस्तार किया गया है. बिजली की उपलब्धता और इसकी खपत भी बढ़ी है. इस समय प्रतिदिन करीब 4500-5000 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. अगले साल यह बढ़कर करीब 6000 मेगावाट प्रतिदिन होने की संभावना है. वित्त वर्ष 2019-20 में बिजली व्यवस्था में अन्य सुधार पर भी खर्च होने की संभावना है. इसलिए कंपनियों ने विभिन्न श्रेणियों में अलग-अलग वृद्धि का प्रस्ताव दिया है.

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