बिहटा : बिहटा एनआइटी के लिए बनायी जा रही चहारदीवारी के निर्माण कार्य में भी किसानों ने अड़ंगा डाल दिया है. एनआइटी चाहरदीवारी निर्माण को लेकर उस इलाके के किसान जलनिकासी व सिंचाई के लिए वर्षों से बनी आहर-पईन की जमीन छोड़ने की मांग पर अड़े हुए हैं.वहीं, एनआइटी चहारदीवारी निर्माण में डाली जा रही
बाधा को लेकर शुक्रवार को सिकंदरपुर पहुंचे एसडीओ के साथ बिहटा की प्रखंड प्रमुख मानती दल देवी,उपप्रमुख कुणाल यादव, एएसपी अशोक मिश्रा, बिहटा सीओ सुनील कुमार वर्मा ने बैठक की.वहीं, वार्ता में एसडीओ का कहना है कि जिस जमीन को किसान छोड़ने की बात कर रहे हैं वह जमीन राज्य सरकार ने एनआइटी को हस्तांतरित कर दी है.
सरकार के पास कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं है कि वह जमीन आहर-पइन की है.सरकार किसानों को जमीन का मुआवजा कैंप लगाकर देगी. मौके पर किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष व अधिवक्ता रहीश यादव, संरक्षक बैजनाथ सिंह देशमुख,माले नेता गोपाल सिंह,आप के जिलाध्यक्ष चौधरी ब्रह्मप्रकाश यादव,पूर्व मुखिया रमेशचंद्र राय,कीर्तन शर्मा,कृष्णा सिंह,रामराज,गुड्डू कुमार, सजीवन यादव,अरविंद राय, लाला पासवान,सहेंद्र पासवान आदि किसान मौजूद थे.
इस संबंध में एनआइटी के प्रोजेक्ट इंचार्ज संजय कुमार का कहना है कि उन्हें 125 एकड़ जमीन मिली है.किसान 27 एकड़ जमीन छोड़ने की बात कर रहे हैं.उम्मीद है कि मार्च के पहले सप्ताह में एनआइटी निर्माण कार्य का शिलान्यास होगा और निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा.अभी चाहरदीवारी निर्माण का कार्य चल रहा है,जिसपर किसान अड़ंगा डाल रहे हैं.