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सवर्ण आरक्षण तो मास्टर स्ट्रोक, अब नहीं रहा बैकवर्ड-फारवर्ड का नारा : रामविलास पासवान
मिथिलेश पटना : लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान पढाई पूरी कर जब नौकरी खोजने निकले, तो उनका चयन डीएसपी के लिए हुआ.पर, युवा पासवान की किस्मत में राजनीति करना लिखा था. परिस्थितियां ऐसी बनी कि डीएसपी के लिए चयनित पासवान अलौली विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार बन गये. यह 1969 का […]
मिथिलेश
पटना : लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान पढाई पूरी कर जब नौकरी खोजने निकले, तो उनका चयन डीएसपी के लिए हुआ.पर, युवा पासवान की किस्मत में राजनीति करना लिखा था. परिस्थितियां ऐसी बनी कि डीएसपी के लिए चयनित पासवान अलौली विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार बन गये. यह 1969 का साल था़ पैसे की तंगी व साधनविहीन पासवान ने साइकिल पर प्रचार किया. किस्मत ने साथ दिया और मेहनत रंग लायी, पासवान सात सौ मतों से चुनाव जीत गये़
राजनीति में पासवान का यह पहला कदम था़ इसके बाद वो आग बढते गये़ पासवान ने अपने राजनीतिक जीवन के पचास साल पूरे कर लिये़ उनकी जीवन के अनछुए पहलुओं को लेकर जल्द ही एक किताब आने वाली है, जिसमें इन सब चीजों की चर्चा है़
कांग्रेस की नजर इस बार अपर कास्ट के वोट पर थी
सवर्ण आरक्षण की घोषणा से एनडीए को कितना लाभ होगा.यह तो एनडीए का मास्टर स्ट्रोक है़ हमारी सरकार के इस फैसले ने बैकवर्ड-फारवर्ड की चुनावी लड़ाई को ही खत्म कर दिया़ लोकसभा के चुनाव बहुमत से एनडीए सत्ता में आयेगा और नरेंद्र मोदी की सरकार बनेगी.
सरकार ने एससी-एसटी व ओबीसी को मिल रहे आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया़ अपर कास्ट के लोगों को अलग से 10 प्रतिशत का आरक्षण दिये जाने का निर्णय लिया है़ इसमें किसी को भी कोइ विवाद नहीं है़ डा लोहिया ने कहा था कि, अपर कास्ट के लोग खाद बने, अब जब अच्छे बीज निकले तो आर्थिक आधार पर आरक्षण का विरोध किस लिये़ लोजपा के चुनाव घोषणा पत्र में भी इस बात की चर्चा है.
विपक्ष कह रहा, यह जुमला है
राजद ने इसका विरोध किया है़ जिस महागठबंधन की बात विपक्ष कर रहा है बिहार में कम से कम राजद सबसे बडी पार्टी है़ अब एक ही मंच पर राजद इसका विरोध करेगा और कांग्रेस के लोग सपोर्ट करेंगे़
जहां तक कांग्रेस की बात है तो उसकी नजर इस बार अपर कास्ट के वोट पर टिकी थी़ बिहार में उसके 27 विधायक हैं, जिनमें अधिकतर अपर कास्ट से ही आये है़ं ऐसे में कांग्रेस को सोचना चाहिये कि वह किसके साथ खडी है, अपर कास्ट के साथ या राजद के साथ़ खुद लालू प्रसाद अपर कास्ट के रघुनाथ झा के चलते ही बिहार के मुख्यमंत्री बन पाये. रघुनाथ झा ने ही लालू प्रसाद के जेल जाने की स्थिति में राबड़ी देवी को सीएम बनाने की सलाह दी थी.
जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में सवर्ण आरक्षण का मामला टिक नही पायेगा
सुप्रीम कोर्ट को कोइ आपत्ति नहीं होगी़ जब मंडल कमीशन को लागू किया गया था, उस समय ही हम चाहते थे, कि सवर्ण जातियों को भी 15 प्रतिशत आरक्षण मिले़ लेकि, तत्कालीन अटार्नी जेनरल की राय थी कि सुप्रीम कोर्ट में यह नहीं टिकेगा़ लेकिन इस बार ऐसी नौबत नहीं आयेगी़ हम लोगों ने संविधान में संशोधन कर इसकी व्यवस्था की है़
इससे सामाजिक समरसता पर असर नहीं पड़ेगा
जब हम लोग राजनीति में आये उस समय सिर्फ कर्पूरी ठाकुर पिछड़ी जाति से आने वाले नेता थे. बाकी सारे अपर कास्ट के लोग थे, जिन्होने हमारे जैसे लोगों को राजनीति में आगे बढ़ने का अवसर दिया. पूर्व पीएम बीपी सिंह सवर्ण थे और उन्होंने ओबीसी के लिए मंडल कमीशन की सिफारिश को लागू किया अब अति पिछड़ी जाति से आने वाले नरेंद्र मोदी ने अपर कास्ट के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्स्था की है. कुछ पार्टियां इसे भाजपा का हिंदुत्व मुखौटा से देख रही. पर, अपर कास्ट की सूची में सिर्फ हिंदू नहीं बल्कि, इसमें अपर मुस्लिम भी आयेंगे.
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