पटना :पूर्व मुख्यमंत्रियों को बिना शुल्क आजीवन सरकारी आवास देने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने कड़ा ऐतराज जताया है. कोर्ट ने इस संबंध में कार्रवाई करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अन्य सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुरक्षा मुहैया करायी जाये तो वे पटना में स्थित अपने निजी आवासों में क्यों नहीं रह सकते?
मुख्य न्यायाधीश एपी शाही की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस मामले में 4 हफ्ते में जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने सोमवार को ही इस मामले में संज्ञान लिया था. अब चीफ जस्टिस एपी शाही की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए यह बताने को कहा कि क्यों नहीं ये सारे आवंटन रद्द कर दिये जाएं? इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी. राज्य सरकार की तरफ से जवाबी हलफनामा सूबे के मुख्य सचिव के जरिये दायर करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है.
विदित हो कि पटना हाईकोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मिले सरकारी आवास के मामले में सोमवार को स्वतः संज्ञान लिया था. बिहार सरकार ने एक व्यवस्था के अनुसार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, डॉ.जगन्नाथ मिश्र, जीतनराम मांझी और सतीश प्रसाद सिंह को आजीवन सरकारी आवास उपलब्ध कराया है. इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के अतिरिक्त सभी को अन्य सुविधाएं भी मिली हुई है.