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आम्रपाली ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, जब्त होंगे फाइव स्टार होटल, कंपनी और मॉल

नयी दिल्ली: संकट में फंसे आम्रपाली समूह के खिलाफ मामले में सख्ती जारी रखते हुए उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को रीयल्टी क्षेत्र की इस कंपनी के पांच-सितारा होटल, सिनेमा हॉल, मॉल और देशभर में स्थित कारखानों को कुर्क करने और उनकी बिक्री करने के आदेश दिये. न्यायालय ने अपने आदेश का अनुपालन न करने को […]

नयी दिल्ली: संकट में फंसे आम्रपाली समूह के खिलाफ मामले में सख्ती जारी रखते हुए उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को रीयल्टी क्षेत्र की इस कंपनी के पांच-सितारा होटल, सिनेमा हॉल, मॉल और देशभर में स्थित कारखानों को कुर्क करने और उनकी बिक्री करने के आदेश दिये. न्यायालय ने अपने आदेश का अनुपालन न करने को लेकर आम्रपाली समूह को ‘बेहद घटिया धोखेबाज’ और ‘पक्का झूठ बोलने वाला’ कहा. नोएडा और ग्रेटर नोएडा इलाके में आम्रपाली समूह के चार आलीशान कंपनी कार्यालयों को भी कुर्क करने का आदेश दिया.

न्यायालय ने दिल्ली स्थित ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) को इन परिसंपत्तियों की नीलामी करने को कहा है. न्यायालय ने कंपनी के निदेशकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मौका दिया है कि यदि उनके पास पैसा है तो वे मकान खरीदने वालों को 10 दिसंबर तक उनका पैसा लौटा दें. मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने मकान खरीदारों के 3,000 करोड़ रुपये की राशि को अन्य मदों में स्थानांतरित करने को लेकर भी कंपनी को अगले सप्ताह तक सफाई देने को कहा है.

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यूयू ललित की इस पीठ ने आम्रपाली समूह के सीएमडी अनिल शर्मा एवं उसके निदेशकों, मुख्य वित्तीय अधिकारी एवं सांविधिक लेखापरीक्षक अनिल मित्तल को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ विश्वासघात का अपराध करने का ममला दर्ज किया जाये. न्यायालय को जब यह बताया कि कंपनी धन इकट्ठा करने के लिए एक नर्सरी स्कूल, एक खुली जगह और एक नर्सिंग होम बेचना चाहती है तो उसने कहा, “आप (आम्रपाली समूह) दुनिया में बेहद घटिया किस्म के धोखेबाज हैं. आपने शुरू से ही मकान खरीदारों को धोखा दिया और अब आप उनके लिए तैयार सुविधाओं को बेचना चाहते हैं. मकान खरीदने वालों के लिए खड़ी की गयी ये सुविधाएं आपने उन्हें कोई खैरात में नहीं दी हैं.”

शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह को 2015-18 के बीच कंपनी के लेनदेन का कच्चा हिसाब-किताब 24 घंटे के भीतर न्यायालय द्वारा नियुक्त फॉरेसिंग ऑडिटरों को सौंपने का आदेश दिया. इन आंकड़ों में लेन देन की पर्चियां आवश्यक अधिकार पत्र आदि भी मांगे गये हैं. पीठ ने इस मामले में अदालत के पहले के आदेश का अनुपालन नहीं करने और इन लेनदेन का कच्चा ब्योरा नहीं देने को लेकर कंपनी की खिंचाई की. न्यायालय ने कहा, “आप बिल्कुल झूठे हैं. आप अव्वल किस्म के झूठे हैं. आपने वह जानकारी नहीं दी है, जो हमारे पहले के आदेश में मांगी गयी थी. हम आपके हलफनामे से संतुष्ट नहीं हैं और आपने केवल बात में खिलवाड़ करने की कोशिश की है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमारे नौ आदेशों के बावजूद आपने 2015-18 के दौरान के कारोबारी लेनदेन से जुड़ी साफ साफ सूचना नहीं दी.” न्यायालय ने डीआरटी, दिल्ली को समूह के होटल, मॉल, कॉरपोरेट कार्यालयों, सिनेमा हॉल, कारखानों और भूखंडों सहित सभी कुर्क परिसंपत्तियों की नीलामी करने को कहा. उच्चतम न्यायालय ने इसकी जिन संपत्तियों की कुर्की के आदेश दिये हैं उनमें ग्रेटर नोएडा का पांच सितारा आम्रपाली होलीडे इन टेक पार्क होटल, बिहार के राजगीर और बक्सर जिलों में स्थित एफएमसीजी कंपनी आम्रपाली बॉयोटेक एंड मम्स, बिहार के गया एवं मुजफ्फरनगर में स्थित आम्रपाली मॉल, उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित आम्रपाली मॉल, मेरठ में स्थित हाइटेक सिटी सिनेमा हॉल, ग्रेटर नोएडा स्थित आम्रपाली प्रिकास्ट फैक्टरी और बिहार के पूर्णिया एवं ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित भूखंडों एवं गोवा में एक विला शामिल है. अदालत ने उसकी लग्जरी कारों के बेड़े को कुर्क करने का भी निर्देश किया जो मकान खरीदने वालों के पैसे से खरीदी गयी हैं.

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