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पटना : अब स्कूली बच्चे कहानी और खिलौनों से करेंगे पढ़ाई

अनुपम कुमारी कक्षा तीन से पांच तक के बच्चे भाषा और गणित में होंगे दक्ष पटना : अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा तीन से पांच के बच्चों को खेल-खेल के माध्यम से पढ़ाया जायेगा. इसके लिए छोटी-छोटी कहानियों से जुड़ी पाठ्य सामग्री तैयार की गयी है. ताकि कक्षा अनुरूप बच्चों को भाषा और […]

अनुपम कुमारी

कक्षा तीन से पांच तक के बच्चे भाषा और गणित में होंगे दक्ष

पटना : अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा तीन से पांच के बच्चों को खेल-खेल के माध्यम से पढ़ाया जायेगा. इसके लिए छोटी-छोटी कहानियों से जुड़ी पाठ्य सामग्री तैयार की गयी है. ताकि कक्षा अनुरूप बच्चों को भाषा और गणित की जानकारी दी जा सकें.

जी हां, अब सरकारी स्कूलों में बच्चों को अक्षरानुसार पद्धति से पढ़ाया जायेगा. इसमें शिक्षक के पढ़ाने के बाद किताबों में दिये चित्रों पर उन जानवरों के नाम और उनके द्वारा बोले जाने वाली भाषाओं को लिख कर अभ्यास मनाेरंजक तरीके से कराया जायेगा.

दो जिलों से हो रही है शुरुआत

बिहार शिक्षा परियोजना की ओर से कक्षा तीन से पांच तक के छात्र-छात्राओं को भाषा और गणित में दक्ष बनाया जाना है. इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना और आगा खां फाउंडेशन के बीच एमओयू साइन किया गया है. इसकी शुरुआत पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में दो जिले से की जा रही है.

पटना और समस्तीपुर जिले के दो प्रखंडों के लगभग 600 सरकारी विद्यालय में शुरू किया जाना है. इसकी जिम्मेदारी संकुल समन्यवयकों को दी गयी है. वहीं, तकनीकी सर्पोट आगा खां फाउंडेशन की ओर से किया जायेगा. इस पद्धति में रंगीन चित्रों के सहारे जोड़ -घटाव और शब्द ज्ञान की जानकारी दी जानी है. साथ ही बिंदुओं के मिलान करने आकृति बनाने व चित्रों के सहारे रंगों व फलों आदि की जानकारी दी जायेगी. बच्चे पढ़ाई करने के बाद पुस्तक में दिये खाली स्थानों को भर कर अभ्यास भी कर सकेंगे.

शिक्षक और अभिभावक दोनों को होगी जानकारी

स्कूल में शिक्षक बच्चों को सही से पढ़ा रहे हैं या नहीं. बच्चा स्कूल में कितना सीख सका है. इन सब की जानकारी अब स्कूल के प्रधानाचार्य को हो सकेगी. अक्षरानुसार पद्धति में स्कूल शिक्षक और अभिभावक का हस्ताक्षर कराया जायेगा. ताकि बच्चा क्या सीख रहा है और क्या सीखाया जा रहा है. इसकी जानकारी दोनों के पास हो सकेगी.

तीन महीने में बढ़ायी जायेगी दक्षता

बच्चे आसानी से सीख सकें, इसके लिए विशेष रुप से अक्षरानुसार पद्वति से पढ़ाया जायेगा. बच्चों को तीन महीने तक दो घंटे की एकस्ट्रा क्लास लगायी जायेगी. बच्चों का अलग -अलग तीन समूह में बांट कर उसे पढ़ाया जायेगा.

इसमें अक्षर नहीं पहचानने वाले ग्रुप दूसरा सिर्फ अक्षर पहचान करने वाले और तीसरा ग्रुप शब्द पहचान करने वाले बच्चों का तैयार किया जायेगा. फिर तीन महीने तक उन्हें स्पेशल कक्षाएं संचालित कर उनकी दक्षता को बढ़ाया जायेगा. प्रतिदिन एक घंटा भाषा और एक घंटा गणित विषय पढ़ाया जायेगा. इसके लिए दो विषयों में पुस्तिका तैयार की गयी है. इसके लिए फाउंडेशन की ओर से स्कूल शिक्षकों और संकुल समन्यवयकों को ट्रेनिंग दी जायेगी.

इसकी शुरुआत पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में दो जिलों से की जा रही है. इसके बाद उन स्कूलों में इस अक्षरानुसार पद्धति से पढ़ाई करायी जायेगी. इसके पूर्व बच्चों की दक्षता के जांच किया जायेगा. उसके अनुरूप लर्निंग कैपिसिटी में वृद्धि लायी जायेगी.

किरण कुमारी, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद कोट

दिसंबर के प्रथम सप्ताह में संकुल समन्यवयकों को प्रशिक्षित किया जायेगा. इसके बाद कक्षा तीन से पांच के बच्चों को कक्षा अनुरूप भाषा और गणित में दक्ष बनाया जायेगा.

समीर झा, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी आगा खां फाउंडेशन

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