पटना : पुलिस लाइन में महिला सिपाही सबिता पाठक की मौत के बाद हुए उपद्रव को लेकर जांच रिपोर्ट पटना के जोनल आईजी नैयर हसनैन खां ने पुलिस मुख्यालय को सपुर्द कर दिया है. पूरी रिपोर्ट एक बंद लिफाफे में बिहार के डीजीपी को दी गयी है. रिपोर्ट सौंप कर लौट रहे आईजी से जब पत्रकारों ने बात करनी चाही तो, आईजी ने रिपोर्ट के बारे में जानकारी देने से इन्कार कर दिया. मामले के हाई प्रोफाइल होने को लेकर उन्होंने चुप्पी साध ली.
सूत्रों की माने तो आईजी की रिपोर्ट में कई विषयों पर डिटेल जानकारी दी गयी है. इस रिपोर्ट में सवालों के घेरे में कई अधिकारी भी है. पुलिस लाइन के अंदर की व्यवस्था और विद्रोह के पीछे के बिंदुओं को सिलसिलेवार तरीके से इस रिपोर्ट में अंकित किया गया है. वहीं, इससे पहले आज उपद्रव के बाद बर्खास्त की गयी महिला सिपाही प्रदर्शन के लिए वीवीआईपी इलाके में घुस गयी थी. जिसके बाद पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. सीएम हाउस के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दिया गया है.
गौरतलब हो कि सरकार की कार्रवाई के बाद बर्खास्त 175 पुलिसकर्मियों में से 32 महिला सिपाहियों ने इंसाफ के लिए बिहार राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया है. बर्खास्त 32 महिला सिपाही गुरुवार को राज्य महिला आयोग के दफ्तर पहुंची और बर्खास्तगी को गलत बताते हुए महकमे के ही अधिकारी पर बड़ा आरोप लगाया.
महिला सिपाहियों ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि देवी से मुलाकात के बाद मीडिया कर्मियों से बात करते हुए राज्य सरकार द्वारा की गयी बर्खास्तगी को गलत बताते हुए भेदभाव किये जाने और गलत रवैये की शिकायत की. साथ ही कहा कि महकमे के बड़े अधिकारी हमें अकेले में बुलाते थे. वहीं, आयोग की अध्यक्ष दिलमणि देवी ने बर्खास्त महिला सिपाहियों को इंसाफ का भरोसा दिलाया है. इस संबंध में बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि मामले को लेकर डीजीपी से बात की जा रही है.
क्या है मामला
महिला सिपाही सविता पाठक की डेंगू से राजधानी के एक अस्पताल में मौत के बाद पुलिस लाइन में सहयोगी महिला पुलिसकर्मियों ने काफी बवाल मचाया था. उसके बाद राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 175 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. वहीं, सविता पाठक को पर्याप्त छुट्टी नहीं देने पर तीन पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है.