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पटना : 17887 करोड़ रुपये से पांच साल में दौड़ेगी पटना मेट्रो
सैद्धांतिक मंजूरी के लिए आज ही केंद्र को जायेगा प्रस्ताव पटना : संशोधित डीपीआर को कैबिनेट की मंजूरी के बाद पटना मेट्रो एक कदम और आगे बढ़ गया है. केंद्र सरकार की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त करने के लिए स्वीकृत डीपीआर बुधवार को ही भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय, नीति आयोग और वित्त मंत्रालय को […]
सैद्धांतिक मंजूरी के लिए आज ही केंद्र को जायेगा प्रस्ताव
पटना : संशोधित डीपीआर को कैबिनेट की मंजूरी के बाद पटना मेट्रो एक कदम और आगे बढ़ गया है. केंद्र सरकार की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त करने के लिए स्वीकृत डीपीआर बुधवार को ही भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय, नीति आयोग और वित्त मंत्रालय को भेज दिया जायेगा. केंद्र व राज्य सरकार की सक्रियता को देखते हुए डेढ़ से दो महीने में प्रस्ताव पर सहमति मिलने की उम्मीद है. केंद्र की सहमति मिलते ही केंद्रांश राशि के साथ ही विदेशी कर्ज का रास्ता भी साफ हो जायेगा.
7437.48 करोड़ खर्च करेगी राज्य सरकार
इसके साथ ही 7837.56 करोड़ रुपये का कर्ज एडीबी, जीका या बाहरी स्रोतों से कर्ज के तौर पर लिया जायेगा. केंद्र सरकार महज 2612.52 करोड़ ही देगी. यह प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
अब एक्टिव होगा पीएमआरसी
कैबिनेट मंजूरी मिलते ही नवगठित पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (पीएमआरसी) अब एक्टिव हो जायेगा. 2000 करोड़ रुपये अधिकृत पूंजी की इस कंपनी के चेयरमैन (चैतन्य प्रसाद, नगर विकास एवं आवास विभाग) और एक निदेशक (संजय दयाल, विशेष सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग) अधिसूचित हो चुके हैं, जबकि वित्त, पथ, ऊर्जा और परिवहन विभाग के निदेशकों के नाम मांगे गये हैं.
एमडी की नियुक्ति राज्य सरकार करेगी. बतौर कंपनी अधिसूचित होते ही कॉरपोरेशन अंतरिम कंसलटेंट, डिटेल डिजाइन कंसल्टेंट व जनरल कंसल्टेंट की नियुक्ति के साथ ही भू-अर्जन संबंधित मुद्दों पर काम शुरू कर देगा. केंद्र की मंजूरी के बाद मेट्रो रेल पॉलिसी 2017 के अनुसार ज्वाइंट एसपीवी का गठन होगा, जिसमें चेयरमैन भारत सरकार के जबकि एमडी बिहार सरकार के नॉमिनी होंगे. पांच नये केंद्रीय निदेशक भी जुड़ेंगे.
पांच रूटों पर अनुशंसा
डीपीआर तैयार करने वाली कंपनी राइट्स ने शहर में पांच रूटों पर मेट्रो चलाने की अनुशंसा की है, जिसमें से दो रूट की डिटेल रिपोर्ट बनायी गयी है.
इन्हीं दो रूटों इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और नॉर्थ साउथ कॉरिडोर पर पहले चरण में काम शुरू होगा. दोनों कॉरिडोर की कुल लंबाई 31.39 किमी होगी, जिसमें कुल 24 मेट्रो स्टेशन होंगे. इसमें 15.38 किमी का भाग एलिवेटेड यानि सड़क के ऊपर जबकि 15.75 किमी भाग अंडरग्राउंड यानि सड़क के नीचे रहेगा. 12 मेट्रो स्टेशन एलिवेटेड और 11 स्टेशन अंडरग्राउंड जबकि एक सड़क के बराबर आयेंगे.
अब तक का सफर
– 18 जून 2013 को संकल्प निर्गत – 11 नवंबर 2013 तक नागरिकों से मांगे सुझाव – राशि इकट्ठा करने को 28 जनवरी 2015 को इन्वेस्टर मीट – नौ फरवरी 2016 को राज्य कैबिनेट की मंजूरी – मार्च 2016 में डीपीआर मंजूरी के लिए केंद्र को भेजी गयी – अगस्त 2017 में नयी मेट्रो पॉलिसी लांच, प्रस्ताव वापस – अक्तूबर 2017 में एनआईटी-राइट्स को मिली संशोधित डीपीआर तैयार करने की जिम्मेवारी – मई 2018 में राइट्स ने संशोधित डीपीआर नगर विकास एवं आवास विभाग को सौंपा – जून 2018 में लोहिया पथ चक्र की वजह से बेली रोड पर मेट्रो का पुन: डिजाइन बदला – सितंबर 2018 में आवश्यक संशोधन कर डीपीआर विभाग को समर्पित – 09 अक्तूबर 2018 को कैबिनेट से संशोधित मेट्रो प्रस्ताव को मंजूरी.
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