पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से राज्य में मौजूद एनएच समेत अन्य प्रमुख सड़कों के निर्माण में कोई मदद नहीं की जा रही है. केंद्रीय मंत्री तो इस मामले में मदद करना चाहते हैं और वे इसके लिए हर बार सहमति भी देते हैं, लेकिन उनके अधिकारी ही इसमें कोई खास रुचि नहीं लेते हैं.
वे फाइलों को अटका कर रखे रहते हैं. पिछले दो वर्ष में राज्य सरकार ने एनएच की मरम्मत कराने में 970 करोड़ रुपये खर्च किये. ये रुपये आज तक केंद्र की तरफ से नहीं मिले हैं. केंद्रीय मंत्री के कहने पर हामी तो भरी, लेकिन रुपये आज तक नहीं मिले हैं. सीएम शुक्रवार को मुख्य सचिवालय परिसर में मौजूद अधिवेशन भवन में पथ निर्माण और भवन निर्माण विभाग के नव नियुक्त सहायक अभियंताओं की उन्मुखीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मदद नहीं मिलने पर अब राज्य सरकार अपने पैसे खर्च करके पटना से बिहटा के बीच एलिवेटेड सड़क बनवायेगी. यह सड़क पटना के शिवाला से बिहटा तक 18 किमी की दूरी के बीच बनेगी. बिहटा में तैयार होने वाले नये एयरपोर्ट को देखते हुए यह सड़क बेहद ही महत्वपूर्ण होगी, जो पटना को सीधे बिहटा एयरपोर्ट से जोड़ेगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों और जिलों की मुख्य सड़कों का मेंटेनेंस स्टेट हाईवे की तर्ज पर ही किया जायेगा.
अब पश्चिम चंपारण और किशनगंज के सुदूरवर्ती इलाकों से पांच घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पहले से अधिक संख्या में पुल-पुलिया बनाये जा रहे हैं और सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले लोगों को मजबूरी में पैदल चलना पड़ता था, लेकिन अब स्वस्थ रहने के लिए पैदल चलना जरूरी है. उन्होंने नवनियुक्त इंजीनियरों से कहा कि शहर में मौजूद अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय, बापू सभागार, नया पुलिस मुख्यालय भवन समेत ऐसे अन्य ऑयकोनिक भवनों को देखें, जो शानदार इंजीनियरिंग के उदाहरण हैं.
पांच हजार की क्षमता वाले बापू सभागार को तैयार करने में एफिल टॉवर से दोगुना स्टील लगा है. जल्द ही नये पुलिस मुख्यालय का उद्घाटन होने जा रहा है, जो आठ रेक्टर स्केल तक के भूकंप को भी झेल सकता है. उन्होंने कहा कि पटना के बेली रोड का नाम नेहरू पथ है, लेकिन कोई इसका यह नाम नहीं लेता. कहा, हम नेहरू के नहीं बापू, लोहिया और कर्पूरी के फॉलोअर हैं. फिर भी इस सड़क का नाम नेहरू पथ लेने के लिए सभी को प्रेरित करते हैं.
जन प्रतिनिधि से ज्यादा इंजीनियर को जानते हैं लोग
सीएम ने सभी 300 नवनियुक्त इंजीनियरों को प्रेरित करते हुए कहा कि किसी इलाके में अच्छा काम करने वाला इंजीनियर रहता है, तो लोग उसे किसी जनप्रतिनिधि से ज्यादा जानते हैं. सीएम ने कहा कि इंजीनियरिंग पढ़े थे, लेकिन कभी काम नहीं किया. फिर भी इंजीनियरों के प्रति काफी लगाव है. आप लोग काम करते रहे, ऐसे ही परमानेंट हो जायेंगे.
पुराने इंजीनियरों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पुराने वाले परेशान रहते हैं. पहले काम नहीं था, अब ज्यादा काम करना पड़ रहा है. जितना तेजी से चाहते हैं, उतनी तेजी से काम नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि नये इंजीनियरों से काफी उम्मीद है. बिजली बोर्ड के नये बहाल हुए इंजीनियर अच्छा काम कर रहे हैं. ऐसा ही आपलोग भी काम करें. आने वाले समय में राज्य में हर विभाग में इंजीनियरिंग सेक्टर में काफी बड़ा काम होने वाले है, जिसमें काफी इंजीनियरों की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने के लिए तकरीबन जमीन की व्यवस्था हो गयी है.
इस कार्यक्रम को डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, सड़क के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, भवन के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने भी संबोधित किया.
बापू के बताये सात पाप और सिद्धांत लगाये जायेंगे सभी सरकारी भवनों में
सीएम ने कहा कि बापू के बताये सिद्धांत और सात पाप को सभी सरकारी भवनों पर लगाये जायेंगे. इनकी ठोस संरचना तैयार करके लगायी जायेगी, ताकि इस पर हमेशा लोगों की नजर पड़े. इसका प्रभाव 10 फीसदी लोगों पर भी पड़ता है, तो काफी बड़ा परिवर्तन आ जायेगा.
बापू ने सिद्धांत दिया था कि ‘धरती जरूरत को पूरा कर सकती है, लेकिन लालच को पूरा करने सक्षम नहीं है.’ उनके बताये सात पाप हैं, सिद्धांत बिना राजनीति, बिना काम किये आया धन, विवेक के बिना सुख, बिना चरित्र के ज्ञान, नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान और त्याग के बिना पूजा.
