नयी दिल्ली/पटना : बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए राजद के साथ सीटों के बंटवारे के संबंध में बातचीत शुरू करने से पहले कांग्रेस राज्य में अपनी स्थिति का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण करा रही है. हाल ही में शुरू हुआ कांग्रेस का सर्वेक्षण दो स्तरों पर हो रहा है. एक तरफ पार्टी अपने स्तर से विभिन्न लोकसभा सीटों का सर्वेक्षण करा रही है, तो दूसरी तरफ ‘स्वतंत्र सर्वेक्षण’ के लिए उसने एक सर्वेक्षण एजेंसी की भी सेवा ली है. कांग्रेस के इस कदम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी के यह दोनों सर्वेक्षण मुख्य रूप से सीमांचल और उन क्षेत्रों पर ज्यादा केंद्रित हैं जहां हालिया लोकसभा चुनावों में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था.
पार्टी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने सर्वेक्षण की पुष्टि करते हुए कहा कि इसका मुख्य लक्ष्य यह पता करना है कि विभिन्न सीटों पर कांग्रेस की मौजूदा स्थिति क्या है. गोहिल ने कहा, ” हमारा सर्वेक्षण दो तरह से हो रहा है. पहला सर्वेक्षण पार्टी की तरफ से कराया जा रहा है. दूसरा स्वतंत्र सर्वेक्षण कराया जा रहा है. इसका मकसद यह पता करना है कि विभिन्न सीटों पर हमारी क्या स्थिति है और हमें क्या करना होगा.”
यह पूछे जाने पर कांग्रेस राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से कितनी सीटों पर दावेदारी पेश करेगी, गोहिल ने कहा, ”अभी इस बारे में बात नहीं हुई है. राजद हमारा बहुत पुराना और मजबूत वैचारिक सहयोगी है. सीटों के बारे हम सभी सहयोगी दल (मांझी सहित) मिल कर उचित समय पर निर्णय कर लेंगे.” कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव में राजद के साथ गठबंधन में बिहार की 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 8.40 फीसदी वोट और दो सीटें मिलीं थीं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, 2019 में कांग्रेस खुद को 2014 के मुकाबले ज्यादा मजबूत स्थिति में मानती है और इस बार उन सीटों को पहले से चिन्हित कर लेना चाहती है जहां उसकी जीत की अधिक संभावना रहेगी. बिहार में पार्टी की गतिविधि को देख रहे कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ”हम कितनी सीटों पर लड़ेंगे, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह तय करना है कि हम कितनी सीटें जीत सकते हैं. इसलिए सर्वेक्षण में हम उन सीटों को चिन्हित कर लेना चाहते हैं जहां हम जीतने की स्थिति में हैं.”