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पटना : विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के विकास व गुणात्मक सुधार को लेकर राज्यपाल सचिवालय ने ‘चांसलर अवार्ड’ दिये जाने की योजना बनायी गयी है. इसको लेकर नियमावली तैयार की जा रही है. इससे संबंधित संक्षिप्त प्रारूप तैयार कर इस पर कुलपतियों की राय मांगी गयी है. कुलाधिपति सह राज्यपाल लालजी टंडन के मुताबिक अवार्ड […]

पटना : विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के विकास व गुणात्मक सुधार को लेकर राज्यपाल सचिवालय ने ‘चांसलर अवार्ड’ दिये जाने की योजना बनायी गयी है. इसको लेकर नियमावली तैयार की जा रही है. इससे संबंधित संक्षिप्त प्रारूप तैयार कर इस पर कुलपतियों की राय मांगी गयी है. कुलाधिपति सह राज्यपाल लालजी टंडन के मुताबिक अवार्ड 14 श्रेणियों में दिये जायेंगे.
सर्वोत्तम काॅलेज से लेकर सर्वोत्तम कुलपति को मिलेगा पुरस्कार : ‘चांसलर अवार्ड’ के लिए तैयार नियमावली प्रारूप के अनुसार जिन 14 कोटियों में चांसलर अवार्ड दिये जायेंगे, उनमें सर्वोत्तम महाविद्यालय, सर्वोत्तम रूप से अकादमिक और परीक्षा कैलेंडर के कार्यान्वयन कर्ता, सर्वोत्तम ‘स्वच्छ एवं हरित परिसर’, सर्वोत्तम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करनेवाली संस्था, सर्वोत्तम शोध-गतिविधियों के कार्यान्वयन कर्ता, सर्वोत्तम रूप से आईसीटी का उपयोग करनेवाली संस्था, सर्वोत्कृष्ट प्राचार्य, सर्वोत्कृष्ट कुलपति, सर्वोत्कृष्ट कुलसचिव, सर्वोत्कृष्ट अकादमिक विद्यार्थी, सर्वोत्कृष्ट खिलाड़ी विद्यार्थी, सर्वोत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रदर्शन करनेवाला विद्यार्थी, सर्वोत्कृष्ट शिक्षक तथा सर्वोत्कृष्ट नवाचारीय प्रयोग और सर्वोत्तम गतिविधियां संचालित करनेवाली संस्था या व्यक्ति शामिल हैं.
हर साल 30 जुलाई तक गठित होगी चयन समिति
राज्यपाल सचिवालय के मुताबिक हर साल राजभवन द्वारा 30 जुलाई तक इसके लिए ‘ चयन समिति ’ का गठन कर लिया जायेगा. इसके साथ ही आयोजन समिति के लिए प्रस्ताव 15 अगस्त तक, अवार्ड के लिए प्रस्ताव 15 सितंबर तक और चयन-समिति द्वारा चयनित अवार्डों की सूची 15 अक्तूबर तक राज्यपाल–सह–कुलाधिपति को समर्पित कर दी जायेगी. ‘चांसलर अवार्ड’ के रूप में ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र दिये जायेंगे. चयन समिति प्राप्त प्रस्तावों की संवीक्षा कर अंतिम रूप से चयनित सूची कुलाधिपति को समर्पित करेगी.
अन्य श्रेणियों में भी अवार्ड दिये जाने पर विचार
राजभवन कार्यालय ने बताया कि अकादमिक एवं परीक्षा कैलेंडर के पूर्ण अनुपालन, स्वच्छ एवं हरित विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय परिसरों के विकास, आईसीटी के कार्यान्वयन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विकास, नवाचारी प्रयोगों के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन आदि कोटियों में भी अवार्ड प्रदान किये जाने पर गंभीरतापूर्वक विचार चल रहा है. अवार्ड का मूल उद्देश्य स्वस्थ शैक्षिक वातावरण विकसित करते हुए महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में उत्कृष्ट शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां प्रोत्साहित करना है.

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