देश के पहली ड्राई केमेस्ट्री मिट्टी जांच प्रयोगशाला का हुआ लोकार्पण, प्रयोगशाला में दो तरह की मशीनें लगायी गयीं
पटना : देश की पहली ड्राई केमिस्ट्री आधारित मिट्टी जांच प्रयोगशाला का लोकार्पण सोमवार किया गया. यह प्रयोगशाला बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में खुला है. कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसका लोकार्पण किया. इस प्रयोगशाला में मिट्टी एवं पौधों में मौजूद पोषक तत्वों की जांच 30 सेकेंड में हो सकेगी. कृषि मंत्री ने कहा कि सीमेट इंडिया की मदद से प्रयोगशाला की स्थापना की गयी है. देश में यह अपनी तरह की पहली प्रयोगशाला है.
प्रयोगशाला में दो तरह की मशीनें लगायी गयी हैं. पहला 65 लाख की लागत वाली एक्स आरएफ (ट्रेसर आईफाइव) मशीन है. इस मशीन से मिट्टी एवं पौधों में उपस्थित कुल पोषक तत्वों की जांच तुरंत की जा सकती है. दूसरी 40 लाख की लागत वाली एमआईआर स्पेक्ट्रोमीटर मशीन है. इस मशीन से मिट्टी एवं पौधों के नमूनों में उपस्थित पोषक तत्वों की स्पेक्ट्रल सिगनेचर प्राप्त होती है. प्राप्त स्पेक्ट्रल सिगनेचर को सॉफ्टवेयर के माध्यम से गणना की जाती है. यह मशीन किसी भी रसायन के उपयोग के बिना मिट्टी की जांच करने की तीव्र एवं कम लागत वाली विधि है.
तकनीक से होगी जांच
मशीन से मिट्टी की डिजिटल मैपिंग, इन्फ्रारेड, एक्स-रे डिफ्रैक्शन तकनीकी के आधार पर मिट्टी के यौगिकों का गुणात्मक एवं मात्रात्मक विश्लेषण किया जाता है. प्रयोगशाला में प्रयुक्त मशीनों के द्वारा रिमोट सेंसिंग, एकीकृत मिट्टी प्रबंधन तथा नये सांख्यिकीय उपकरणों का संयुक्त रूप से उपयोग किया जाता है. प्रयोगशाला में उपयोग होने वाली मशीनों की खासियत यह है कि इन मशीनों को खरीद के उपरांत किसी भी तरह का खर्च जैसे कि विभिन्न प्रकार के केमिकल का व्यवहार नहीं होता है.
इसके प्रयोग से मानवजनित गलतियों की संभावना भी नगण्य होती है. अभी मिट्टी जांच के तरीके से 12 पैरामीटर पर एक नमूना को जांचने में औसतन 8 घंटे का समय लगता है. एक दिन में अधिकतम 50 नमूनों की जांच होती है. सीमेट के सौजन्य से विश्वविद्यालय के मृदा विज्ञान विभाग के दो और सीमेट के एक वैज्ञानिक को सात दिनों का प्रशिक्षण इसी वर्ष मार्च में अंतरराष्ट्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान नैरोबी, केनिया की ओर से दिया गया था.
इस मौके पर स्मारिका का भी विमोचन किया गया. कार्यक्रम में कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डाॅ एके सिंह, कृषि निदेशक आदेश तितरमारे, सीमेट के रीजनल टीम लीडर एंड्रियू मैकडॉनल, सीमेट के सीनियर एग्रोनॉमिस्ट एवं कंट्री हेड डाॅ आर के मल्लिक, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक, प्रसार शिक्षा डाॅ आर के सोहाने, कृषि अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक डाॅ अरविन्द कुमार आदि मौजूद थे.