पटना : मरीजों को कम कीमत पर दवा मिले इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है, लेकिन सरकार के प्रयास पर अधिकारी ही पानी डाल दे रहे हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक में स्वास्थ्य विभाग ने जेनेरिक दवा की दुकान खोलने की योजना बनायी है. इसके लिए विभागीय स्तर पर कवायद भी शुरू हो गयी है.
लेकिन विभाग को यह पता ही नहीं है कि अभी कितने सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवा की दुकानें हैं. निजी क्षेत्र में भी प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र राज्य में खोले गये हैं. मरीजों को कम कीमत पर दवा मिले इसके लिए राज्य सरकार ने जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा दिया. सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवा की दुकानें भी खुलीं, लेकिन दवा माफिया सरकार के प्रयास पर भारी पड़े. डाॅक्टरों की ओर से जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा नहीं मिला जिसके चलते यह योजना दम तोड़ रही है.
इसके बाद शुरू हुआ प्रधानमंत्री जन सुरक्षा योजना. इसमें थोड़ा बदलाव हुआ दवा तो जेनेरिक ही रही लेकिन उसे एक नाम मिल गया. इसका असर भी दिखा. जन औषधि वाली दुकानों पर मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी. जानकार कहते हैं कि जेनेरिक दवा ब्रांडेड दवाओं से रत्ती भर भी कमतर नहीं होती है. लेकिन, जेनेरिक दवा को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है.