पटना : राजीव नगर स्थित नेपाली नगर आसरा होम में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अभी हाल ही में दो संवासिनियों की मौत हुई थी कि शुक्रवार को फिर एक संवासिनी की मौत इलाज के दौरान हो गयी. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में अपनी जिंदगी और मौत से जूझ रही 27 साल की अनामिका की मौत शुक्रवार की देर शाम 7:55 पर हो गयी. जानकारी के अनुसार हालत गंभीर होने के बाद अनामिका को गुरुवार की रात 9:20 बजे पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. 24 घंटे के अंदर ही इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
Bihar: One more girl from ‘Aasra Home’ died during treatment at Patna Medical College and Hospital. Two girls of the shelter home had died earlier this month.
Bihar: One more girl from 'Aasra Home' died during treatment at Patna Medical College and Hospital. Two girls of the shelter home had died earlier this month.
— ANI (@ANI) August 31, 2018
पीएमसीएच में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि अनामिका की हालत पहले से ही काफी खराब थी. कुपोषित होने के साथ ही उसको दम फूलने की बीमारी थी. चेस्ट रोग के अलावा उसके हृदय की बीमारी थी. लगातार दर्द होने के बाद आसरा होम से पीएमसीएच लाया गया था. डॉक्टरों की मानें, तो शारीरिक रूप से वह बेहद कमजोर थी. हालत देख कर लगता था कि वह पिछले तीन दिनों से खाना-पीना सब छोड़ दी थी. नतीजा उसकी हालत लगातार खराब हो गयी और अंत में मौत हो गयी.
पीएमसीएच अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि अनामिका को गुरुवार की रात 9:20 बजे पीएमसीएच लाया गया. जहां गंभीर हालत देखते हुए इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया. जांच के बाद पता चला कि उसका दम फूल रहा है. सांस लेने में परेशानी के अलावा वह शारीरिक रूप से काफी कमजोर थी. इलाज के दौरान शुक्रवार की रात 7:55 बजे मौत हो गयी. इसकी सूचना पुलिस और आसरा होम को दे दी गयी है.
गौरतलब हो कि महिला शेल्टर होम की एक लड़की समेत दो महिलाओं को 11 अगस्त को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. पिछले 20 दिनों से अब तक पीएमसीएच में 13 संवासिनी आसरा होम से इलाज के लिए लायी गयीं. सभी का इलाज इमरजेंसी वार्ड में किया जा रहा गया था. वर्तमान समय में अभी एक भी संवासिनी इमरजेंसी वार्ड में नहीं हैं. 13 में एक की मौत हो गयी और शेष 10 को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर आसरा होम भेज दिया गया़ जबकि, दो संवासिनि के इलाज में सुधार आने के बाद दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.