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”हर घर नल का जल” योजना के लिए होगी प्लंबरों की नियुक्ति

मुख्य सचिव ने की सात निश्चय योजनाओं की समीक्षा पटना : मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजनाओं को रफ्तार देने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम को अंजाम दिया जा रहा है. इसकी लगातार मॉनीटरिंग भी हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर मुख्य सचिव दीपक कुमार लगातार इसपर नजर रख रहे हैं. सभी निश्चयों […]

मुख्य सचिव ने की सात निश्चय योजनाओं की समीक्षा
पटना : मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजनाओं को रफ्तार देने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम को अंजाम दिया जा रहा है. इसकी लगातार मॉनीटरिंग भी हो रही है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर मुख्य सचिव दीपक कुमार लगातार इसपर नजर रख रहे हैं. सभी निश्चयों में प्रगति बेहतर है और इसको और रफ्तार देने को सरकार कदम आगे बढ़ा रही है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सोमवार को बिहार विकास मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक ली. उन्होंने बैठक के बाद बताया कि ‘हर घर नल का जल’ योजना का काम 60-70 फीसदी पूरा कर लिया गया है. चूंकि सात निश्चय योजना को पूरा करने के लिए एक साल का ही समय अब बचा है. इसलिए संबंधित योजनाओं को पूरा करने और समय से जनता को लाभ दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. जिन पंचायतों-वार्डों में ‘हर घर नल का जल’ योजना को पूरा कर लिया गया है, अब वहां से फीडबैक लिया जायेगा. इसके लिए 16 अगस्त को हर प्रखंड के गांवों में प्रदेश के करीब 3500 इंजीनियर जायेंगे और फीडबैक लेंगे. तय यह भी किया गया कि पानी आपूर्ति में होने वाली दिक्कतों के समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जायेगा. इस पर शिकायत मिलते ही प्लंबरों को भेजा जायेगा. इसके लिए विभागीय स्तर पर प्लंबरों की नियुक्ति भी जल्दी ही की जायेगी.
बकौल मुख्य सचिव, सोमवार को हुई बैठक में अधिकारियों ने अपने अनुभव शेयर किये. यह भी बात सामने आयी कि पंचायत स्तर पर पाइपलाइन, टोंटी या आपूर्ति में परेशानी आ रही है. इसीलिए सरकार ने तय किया है कि इसके लिए प्लंबरों की नियुक्ति की जायेगी. हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जायेगा. किसी भी घर में पानी आपूर्ति में परेशानी होगी, तो संबंधित घर का व्यक्ति सीधे हेल्पलाइन पर सूचना देगा. यहां से संबंधित पंचायत के प्लंबर को सूचना दी जायेगी और समस्या का समाधान कराया जायेगा. ग्राम पंचायत स्तर पर कमेटी भी बनायी जायेगी. इसी कमेटी की जिम्मेदारी होगी कि इस योजना में किसी तरह की कमी न रहे.
उधर, मुख्य सचिव ने बताया कि शेष योजनाओं में प्रगति अच्छी है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का काम पहले बैंकों के माध्यम से होता था. इसमें परेशानी आती थी. इसलिए राज्य वित्त निगम के माध्यम से यह काम कराया जा रहा है. इसमें पैसे की कमी नही होगी, न होने दी जायेगी. 150 करोड़ रुपये इसके लिए जारी किये जा चुके हैं. खत्म होने पर फिर से राशि दी जायेगी.

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