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पटना : पंचायत के कार्यों और ऑफिसों का निरीक्षण करेंगे डीएम से बीडीओ तक
पंचायती राज विभाग ने सभी जिलों को दिया निर्देश पटना : पंचायत स्तर पर सुदृढ़ तरीके से कार्य करने और इनकी सतत मॉनीटरिंग करने के लिए जिला से लेकर प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को निरीक्षण का दायित्व सौंपा गया है. विभिन्न योजनाओं के जरिये बड़ी मात्रा में सरकारी राशि त्रि-स्तरीय पंचायत राज संस्थानों से ही खर्च […]
पंचायती राज विभाग ने सभी जिलों को दिया निर्देश
पटना : पंचायत स्तर पर सुदृढ़ तरीके से कार्य करने और इनकी सतत मॉनीटरिंग करने के लिए जिला से लेकर प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को निरीक्षण का दायित्व सौंपा गया है. विभिन्न योजनाओं के जरिये बड़ी मात्रा में सरकारी राशि त्रि-स्तरीय पंचायत राज संस्थानों से ही खर्च होती है.
इन सरकारी राशि के बेहतर क्रियान्वयन और पंचायत स्तर पर वित्तीय अनुशासन बनाये रखने के लिए समय-समय पर ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के कार्यालयों और इनके माध्यम से कराये जाने वाले कार्यों के निरीक्षण की जिम्मेदारी अलग-अलग स्तर पर विभिन्न पद के अधिकारी को सौंपी गयी है.
इस मामले में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलों के डीएम, डीडीसी, एसडीओ, जिला पंचायती राज पदाधिकारी के अलावा प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को पत्र लिखा है. इसमें सभी पदाधिकारियों को कहा गया है कि इससे पहले भी पंचायतों के निरीक्षण से संबंधित निर्देश दिये गये थे, लेकिन इस आदेश का पालन अब तक नहीं किया गया है.
सभी पदाधिकारियों को यह भी आदेश दिया गया है कि पंचायतों का नियमित निरीक्षण करते हुए प्रभावी कार्रवाई भी की जाये. किस स्तर के पदाधिकारी को कितने दिन किस स्तर का निरीक्षण करना है, इससे संबंधित विस्तृत कार्य योजना तैयार की गयी है. सभी पदाधिकारियों को उनकी रिपोर्ट को सौंपने के लिए उन्हें एक संबंधित अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है.
प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी अपना निरीक्षण रिपोर्ट प्रखंड विकास पदाधिकारी को, प्रखंड विकास पदाधिकारी अपनी रिपोर्ट अनुमंडल पदाधिकारी और जिला पंचायती राज पदाधिकारी तथा जिला पंचायती राज पदाधिकारी रिपोर्ट जिला दंडाधिकारी या डीएम को समर्पित करेंगे. डीएम अधिकारियों की इस रिपोर्ट में पाये गये सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपनी टिप्पणी या मंतव्य अंकित करके पंचायती राज विभाग को सौंपेंगे. जिला पंचायती राज पदाधिकारी का यह दायित्व होगा कि वे प्रत्येक माह जिला से इस रिपोर्ट को लेकर विभाग को मुहैया करायेंगे.
इस दिन ये पदाधिकारी करेंगे यहां का निरीक्षण
ग्राम पंचायत : प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी या प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर ऊपर के सभी अधिकारी यानी डीएम तक इसकी जांच कर सकते हैं. प्रखंड विकास पदाधिकारी महीने में एक ग्राम पंचायत का निरीक्षण करेंगे. जबकि, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी महीने में दो पंचायत का निरीक्षण करेंगे. परंतु वर्ष के दौरान प्रखंड में मौजूद सभी पंचायतों का निरीक्षण करेंगे.
पंचायत समिति : अनुमंडलीय पदाधिकारी या जिला पंचायत राज पदाधिकारी या प्रमंडलीय उप-निदेशक (पंचायत) या डीडीसी या डीएम या प्रमंडलीय आयुक्त तक निरीक्षण करेंगे. एसडीओ या जिला पंचायत पदाधिकारी तीन महीने में एक पंचायत समिति का निरीक्षण अनिवार्य रूप से करेंगे.
जिला परिषद : संबंधित डीएम या प्रमंडलीय आयुक्त निरीक्षण करेंगे. इसका निरीक्षण वर्ष में एक बार जरूर करेंगे.
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