दनियावां : प्रखंड के मसनदपुर मध्य विद्यालय की जर्जर बिल्डिंग ढाई साल बाद भी नहीं बन पायी है. इससे ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों की मानें तो मसनदपुर मध्य विद्यालय की बिल्डिंग जर्जर रहने के कारण स्कूल जनवरी, 2016 से बगल के छोटी केवई गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में चल रहा है.
ग्रामीणों और अध्यापकों का कहना है कि इस जर्जर विद्यालय के अलावा विद्यालय के बगल में सात डिसमिल गैरमजरूआ जमीन है, जिस पर नयी बिल्डिंग बनाने के लिए नौ लाख रुपये आये थे, परंतु गांव के कुछ दबंग लोग उक्त जमीन पर कब्जा जमाये हुए हैं. इस कारण स्कूल नहीं बन सका. नापी के बाद भी प्रशासनिक ढिलाई से नयी बिल्डिंग नहीं बनी और पैसा लौटा दिया गया. इस कारण मसनदपुर मध्य विद्यालय के 84 छात्र-छात्राओं को ढाई साल से दूसरे गांव छोटी केवई प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई के लिए जाना पड़ रहा है.
इसके अलावा प्रखंड के प्राथमिक कन्या विद्यालय सिगरियावां व प्राथमिक विद्यालय फरीदपुर मुसहरी की बिल्डिंग भी जर्जर स्थिति में है, जिसमें बच्चों की पढ़ाई जारी है. वहीं, प्रखंड के नवहिया गांव में दो कमरों का प्राथमिक विद्यालय वर्षों से बनकर तैयार है, पर यूनिट नहीं रहने के कारण यहां के बच्चों की पढ़ाई एक किमी दूर नवहियापर नवल जी के दालान में होती है.
जमीन पर कब्जा, नया भवन बनाने में परेशानी
बिल्डिंग तो जर्जर है ही वहीं गैरमजरूआ जमीन पर कब्जा रहने के कारण नयी बिल्डिंग बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में वरीय अधिकारियों को कई बार लिखा गया, पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
सुरेश कुमार दास, प्राचार्य ,मसनदपुर मध्य विद्यालय
राशि आवंटित होते ही होगी मरम्मत
सभी जर्जर विद्यालयों के बारे में वरीय अधिकारियों को सूचित किया गया है, परंतु राशि का आवंटन नहीं होने के कारण जर्जर बिल्डिंग का निर्माण कार्य नहीं हो पाया है. राशि आते ही विद्यालय का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
अमरेंद्र वर्मा , प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी