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राज्य में खेल स्टेडियम और उसके मैदानों की बदहाली पर हाईकोर्ट सख्त
पटना : पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करते हुए सख्त लहजे में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि राज्य के सभी खेल मैदानों व स्टेडियम की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट दो सप्ताह में अदालत में पेश करें. अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस संबंध में रिपोर्ट ओर कारणपृच्छा राज्य के […]
पटना : पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करते हुए सख्त लहजे में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि राज्य के सभी खेल मैदानों व स्टेडियम की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट दो सप्ताह में अदालत में पेश करें. अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस संबंध में रिपोर्ट ओर कारणपृच्छा राज्य के युवा, खेल व संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव ही दायर करेंगे. न्यायाधीश ज्योति शरण और न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने ललन कुमार की अवमानना याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है.
हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व में हाईकोर्ट ने राज्य के सभी खेल मैदानों व स्टेडियम को सिर्फ खेल आयोजन के लिए ही उपयोग में लाने और उसी हेतु रखरखाव करने का निर्देश दिया था तब उसके बाद भी अधिकांश स्टेडियम पर न तो खेल का आयोजन होता है और न उसके रखरखाव पर ध्यान है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील संतोष कुमार ने कोर्ट को बताया कि मनोज कमालिया स्टेडियम की बदहाली को लेकर दायर हुई जनहित याचिका को निष्पादित करते हुए 11 फरवरी 2014 को पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने व्यापक रूप से सरकार को कई बिंदुओं पर निर्देश दिया था. अदालत ने कहा था कि राज्य में किसी भी खेल के मैदान पर खेल समारोह छोड़कर कोई अन्य समारोह नहीं आयोजित किया जायेगा, फिर भी मनोज कमालिया स्टेडियम पर खेल छोड़ अन्य आयोजन होते हैं. इससे खेल मैदान की जमीन खराब हो रही है. उसी तरह हाजीपुर के बैडमिंटन कोर्ट स्टेडियम के कमरों को वैशाली जिला परिषद द्वारा विवाह उत्सव हॉल बना कर कब्जा कर लिया गया था.
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