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रोजगार व सुरक्षा के लिए लड़कियां सीख रहीं जूडो-कराटे

अजय कुमार मसौढ़ी : लड़कियों के लिए शिक्षा और स्वरोजगार जितना आवश्यक है, उतना ही सेल्फ डिफेंस भी. इसी को लेकर लड़कियां इन दिनों मसौढ़ी में जुडो- कराटे और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले रही हैं. यह ट्रेनिंग उनको हुनर संस्थान के गोजुरुओकिनावन कराटे डू एसोसिएशन, दानापुर कैंट द्वारा निःशुल्क दी जा रही है. आत्मरक्षा […]

अजय कुमार
मसौढ़ी : लड़कियों के लिए शिक्षा और स्वरोजगार जितना आवश्यक है, उतना ही सेल्फ डिफेंस भी. इसी को लेकर लड़कियां इन दिनों मसौढ़ी में जुडो- कराटे और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले रही हैं. यह ट्रेनिंग उनको हुनर संस्थान के गोजुरुओकिनावन कराटे डू एसोसिएशन, दानापुर कैंट द्वारा निःशुल्क दी जा रही है.
आत्मरक्षा के लिए कराटे सीखने में लगी इन लड़कियों ने हाल ही में पटना स्थित कंकड़बाग पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कॉप्लेक्स में आयोजित आईएमएम स्टार फाइटर राज्य स्तरीय कराटे चैंपियनशिप में गोल्ड व सिल्वर के साथ ब्रांच मेडल जीता था.
संस्था के बिहार प्रमुख शशि सिंह को अपना आदर्श मानने वाली ये लड़कियां प्रतिदिन पढ़ाई व अन्य कार्यों से समय निकाल कड़ी मेहनत कर पसीना बहा रही हैं.
शशि सिंह ने बताया कि उनकी संस्था बेटियों को सबल बनाने के लिए सरकारी व निजी विद्यालयों समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कराटे व आत्मरक्षा का प्रशिक्षण मुक्त में दे रही है. उन्होंने सुप्रिया, श्रेया, ज्योति व मंजू के बारे में कहा कि वे प्रतिभा की धनी हैं. बेहद कम समय में उन्होंने कराटे व मार्शल आर्ट की कला को बेहतर ढंग से सीखा है. नगर के कई लोगों द्वारा इन लड़कियों के साथ-साथ संस्था को भी सम्मानित भी किया है. संस्था प्रमुख ने बताया कि इस समय दो दर्जन से अधिक लड़कियां ट्रेनिंग ले रही हैं.
कराटे से जीवन में जगा आत्मविश्वास: सुप्रिया
नगर के सटे बरनी रोड में रहने वाली सुप्रिया मुहल्ले के निजी स्कूल में पांचवीं कक्षा की छात्रा है. इनके पिता कौशलेंद्र कुमार व मां संगीता सिन्हा से मिले सहयोग का प्रतिफल है कि इतनी छोटी उम्र में ही सुप्रिया ने पटना में आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता.
सुप्रिया बताती है कि कराटे का शौक जब मैं काफी छोटी थी तभी से था, लेकिन प्रशिक्षण केंद्र नहीं रहने की वजह से अपनी इच्छा को दबा लेती थी. इसी बीच हुनर संस्था की यहां स्थापना होने की जब सूचना मिली तब खुशी से झूम उठी.
फिर क्या था दाखिला ले लिया. इसमें मां-पापा व भाई का पूरा सहयोग मिला. सुप्रिया का कहना था कि वह जूडो- कराटेे को ही अपना कैरियर बनाना चाहती है.
जूडो कराटे को कैरियर बनाना चाहती हैं ज्योति व मंजू
नगर के श्रीनगर मुहल्ले की रहने वाली ज्योति व उसकी छोटी बहन मंजू अपने पिता के इच्छा के विरुद्ध कराटे का प्रशिक्षण लेना शुरू किया. इसमें मां गुड़िया देवी का पूरा समर्थन मिला. इनके पिता मुंबई में निजी कंपनी में काम करते हैं, उनको आज भी नहीं पता है कि दोनों बहनें कराटे का प्रशिक्षण लेकर हाल ही में सिल्वर मेडल जीता है. दोनों बहनों ने बताया कि प्रशिक्षण के साथ ही नगर के दो निजी विद्यालयों की दर्जनों लड़कियों को प्रशिक्षण दे भी रही हैं. पिता इसकी इजाजत नहीं मिलने के बावजूद कराटे को अपना कैरियर बना सरकारी नौकरी लेने की मन में हसरत है.
आज सेल्फ डिफेंस होना अति आवश्यक: श्रेया
संस्था की पटना में ब्रांज मेडल लेने वाली नगर की मेन रोड निवासी श्रेया का कहना है कि तीन वर्षों से संस्था में ट्रेनिंग ले रही हूं. फिलवक्त बारहवीं में पढ़ने वाली श्रेया के पिता कटिहार प्रखंड कार्यालय में लेखापाल हैं . श्रेया बताती है कि बचपन से कराटे सीखने का शौक था, लेकिन मसौढ़ी में ट्रेनिंग सेंटर नहीं होने से चाह कर भी वह इससे वंचित थी. हुनर संस्था की बीते चार वर्ष पूर्व इसकी स्थापना होने के बाद मन में खुशी जागी. घर से भी इजाजत ले ट्रेनिंग करने लगी. कड़ी मेहनत का प्रतिफल है कि पटना में जिला स्तरीय प्रतियोगिता में ब्रांज मेडल लेने में कामयाब हो गयी.
.खुद अपनी रक्षा कर सकें लड़कियां
नगर पर्षद की मुख्य पार्षद सुनीता सिन्हा का भी कहना है कि देश और समाज के विकास में महिलाओं की भूमिका काफी अहम है. आज महिला प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रही हैं, तो अपनी सुरक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर क्यों रहे. जूडो-कराटे का प्रशिक्षण प्राप्त कर वे अपनी सुरक्षा खुद कर रही हैं.

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