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मुजफ्फरपुर यौनशोषण मामला कलंक : राज्यपाल सत्यपाल मलिक

पटना : राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले को हृदयविदारक और मानवता के लिए कलंक बताया है. उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा की है. उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा मामले में अविलंब संज्ञान लेने की सराहना करते हुए उनको कुशल प्रशासक और लोकप्रिय नेता बताया […]

पटना : राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले को हृदयविदारक और मानवता के लिए कलंक बताया है. उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा की है.
उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा मामले में अविलंब संज्ञान लेने की सराहना करते हुए उनको कुशल प्रशासक और लोकप्रिय नेता बताया है. साथ ही उन्होंने मामले में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की ऑडिट रिपोर्ट को आधार मानकर आगे समुचित कार्रवाई का सुझाव दिया है.
राज्यपाल ने बुधवार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड और कोर्ट में लंबित बालक,बालिका व महिला अल्पवास गृहों के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री को दो पत्र और केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद को एक पत्र लिखा है.
मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में राज्यपाल ने लिखा है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण शोषण मामले का जल्द संज्ञान लेने के लिए मुख्यमंत्री प्रशंसा के पात्र हैं. मुख्यमंत्री को लिखे दूसरे पत्र में राज्यपाल ने कहा है कि आप वैसे ही बच्चों और महिलाओं के मामले में सदैव सजग व संवेदनशील रहते हैं. ऐसे में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी बालक, बालिका व नारी अल्पावास गृहों में अनियमितता की खबरें लिखी जा रही हैं तो अल्पावास व बालिका गृहों का सघन निरीक्षण व सतत मॉनीटरिंग का सिस्टम विकसित करें.
इसके अलावा राज्यपाल ने सक्षम संगठनों (विशेषज्ञ) से सोशल ऑडिट कराने के लिए संस्थागत सिस्टम विकसित करने का भी सुझाव दिया है. बालिका, बालक व नारी अल्पावास गृहों में सुधार और विकास के लिए बुद्धिजीवियों का भी फिडबैक लेने का सुझाव दिया गया है. अंत में राज्यपाल ने लिखा है कि राज्य सरकार उनके इन सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी, जिससे कि बच्चे, बच्चियों और महिलाओं का सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण जीवन सुनिश्चित हो सके.
ऐसे मामलों के निष्पादन के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का हो गठन, हाईकोर्ट व केंद्र करें सहयोग
राज्यपाल ने यह भी लिखा है कि मुख्यमंत्री को राज्य की अदालतों में बालक,बालिका व महिला उत्पीड़न के जो लंबित मामले हैं, उनके तेजी से निष्पादन के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की पहल करनी चाहिए.
ऐसा होने से अपराधियों को जल्द सजा मिलेगी. इससे समाज में सकारात्मक संदेश भी जायेगा. फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना में पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहयोग करें. राज्यपाल ने केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद को भी लिख कर फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन में सहयोग करने की बात कही है.

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