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बिहार सिख गुरुद्वारा एक्ट पर बंट गयी संगत

पटना सिटी : सिखों के दूसरे बड़े तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में सरकार की ओर से प्रस्तावित बिहार सिख गुरुद्वारा एक्ट को प्रभावी बनाने के मामले पर सिख संगत आपस में बंट गयी है. यहां तक की तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह खालसा भी कहते हैं कि तख्त श्री हरिमंदिरजी पटना […]

पटना सिटी : सिखों के दूसरे बड़े तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में सरकार की ओर से प्रस्तावित बिहार सिख गुरुद्वारा एक्ट को प्रभावी बनाने के मामले पर सिख संगत आपस में बंट गयी है. यहां तक की तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह खालसा भी कहते हैं कि तख्त श्री हरिमंदिरजी पटना साहिब से देश-विदेश के सिखों की आस्था जुड़ी है. ऐसे में सरकार को एक्ट के लिए देश-विदेश के सिखों की भावना का ख्याल रखना होगा.
हलका संख्या एक से निर्वाचित सदस्य राजा सिंह कहते हैं कि सरकार को एक्ट नहीं पंजाबी व गुरुमुखी एकेडमी का निर्माण कराने की दिशा में कार्य करना चाहिए. मनोनीत सदस्य महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन व सिख संगत का कहना है कि सरकार बिहार सिख गुरुद्वारा एक्ट ला रही है जबकि यह देशभर के पांच तख्तों में दूसरा बड़ा तख्त है. तख्त साहिब की मर्यादा अलग होती है. यह भी सच है कि तख्त साहिब से बिहार झारखंड के लगभग 250 गुरुद्वारे जुड़े हैं. सरकार बिहार सिख गुरुद्वारा एक्ट के बदले तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब एक्ट लाये. तख्त साहिब की धार्मिक मर्यादा सिंह सभा गुरुद्वारों से अलग होती है.
क्या है मामला
दरअसल मामला यह है कि पटना उच्च न्यायालय में एक पीआईएल दायर हुआ था जिसके आलोक में न्यायालय ने सरकार से पूछा था कि क्या गुरुद्वारा प्रबंधक एक्ट बनाया गया है. उसी के आलोक में सरकार ने बिहार सिख गुरुद्वारा एक्ट 2017 का मसौदा तैयार किया है. राज्य के पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग ने बताया कि सरकार की ओर से तैयार मसौदा में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, हुजूर साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ अन्य गुरुद्वारों के एक्ट का अध्ययन कर इसे तैयार किया गया है.
इसी एक्ट को प्रभावी बनाने के लिए बीते रविवार को बैठक हुई थी.
जिसमें बिहार में स्थित 250 गुरुद्वारों व सिख समुदाय के बुद्धिजीवी से एक्ट पर सुझाव मांगा गया है. इसके बाद ही सरकार अंतिम निर्णय ले पायेगी. हालांकि पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग ने यह भी माना था कि नयी प्रबंधक कमेटी के गठन के उपरांत ही फिर से विचार विर्मश के लिए संगत के साथ बैठक होगी. इसके बाद आगे कार्य होगा.
बोले सदस्य और जत्थेदार
जब तक कमेटी का गठन नहीं होगा, तब तक एक्ट पर चर्चा नहीं होगी, वर्तमान कमेटी के लोग एक्ट को प्रभावी बनाने के पक्ष में हैं. एक्ट में संशोधन की आवश्यकता है. इसके लिए नयी कमेटी के लोग बैठें, इस पर राय करें.
राजा सिंह
तख्त साहिब संविधान में भी काफी अधिकार है. सरकार बिहार सिख गुरुद्वारा एक्ट ला रही है जबकि यह तख्त है. सरकार को तख्त श्री हरिमंदिरजी पटना साहिब का एक्ट लाना होगा, क्योंकि दोनों के दो विषय हैं.
महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन

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