2017 में निकाली गयी करीब 9900 सिपाहियों की बहाली का मामला 300 से भी अधिक अभ्यर्थियों की ओर से दायर रिट याचिका पर एक साथ सुनवाई पटना : पटना हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 में निकाली गयी करीब 9900 सिपाहियों की बहाली प्रक्रिया को चुनौती देने एवं इस प्रक्रिया से करीब 9831 अभ्यर्थियों की अंतिम चयन […]
2017 में निकाली गयी करीब 9900 सिपाहियों की बहाली का मामला
300 से भी अधिक अभ्यर्थियों की ओर से दायर रिट याचिका पर एक साथ सुनवाई
पटना : पटना हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 में निकाली गयी करीब 9900 सिपाहियों की बहाली प्रक्रिया को चुनौती देने एवं इस प्रक्रिया से करीब 9831 अभ्यर्थियों की अंतिम चयन सूची को रद्द करने की मांग करने वाली रिट याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सिपाही भर्ती चयन परिषद से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है.
न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय की एकलपीठ ने देवानंद और 300 से भी अधिक अभ्यर्थियों की ओर से दायर रिट याचिका पर एक साथ सुनवाई करते हुए कहा कि सिपाही बहाली की सारी प्रक्रिया का परिणाम इस याचिका के अंतिम आदेश के परिणाम पर निर्भर करेगा. याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरीय अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद सिंह और राजीव कुमार सिंह ने अदालत के समक्ष सिपाही बहाली एवं भर्ती प्रक्रिया से संबंधित कई गड़बड़ियों की जानकारी दी. उन्होंने अदालत को बताया कि 29 जुलाई, 2017 को 9900 सिपाही के रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला गया था. सभी रिक्तियां जिला पुलिस, रेल पुलिस, बिहार सैन्य पुलिस व अन्य पुलिस की कुल 61 इकाइयों में बहाली के लिए थी. अक्तूबर, 2017 में सिपाही बहाली के लिए लिखित परीक्षा ली गयी.
लिखित परीक्षा में ही कई फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गये. फर्जी परीक्षार्थियों को बैठाने वाले ऐसे अभ्यर्थियों को चिह्नित नहीं किया गया और हड़बड़ी में शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए 42,759 अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया. फरवरी-मार्च, 2018 में शारीरिक दक्षता परीक्षा संपन्न हुई, जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पकड़ी गयीं. इसके बाद भी उक्त परीक्षा के बाद अंततः 9839 अभ्यार्थियों की चयन सूची निकाली गयी. इस चयन सूची में आरक्षण नियमों का भी उल्लंघन हुआ है. उस चयन सूची को रद्द कर उसमें फर्जी और धांधली करने वाले अभ्यर्थियों को हटा कर रिट याचिकाकर्ताओं के चयन करने का अनुरोध अदालत से किया गया. ऐसे मामले पर सुनवाई करते हुए भर्ती बोर्ड से जवाब तलब किया गया है. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है.