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मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामला : समाज कल्याण मंत्री बोली, आरोप साबित हुए तो उनके पति जायेंगे जेल

पटना : बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों से दुष्कर्म मामले में अपने पति पर लगे संगीन आरोपों के बाद नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने आज सफाई देते हुए बड़ा बयान दिया है. समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने कहा है कि आरोप साबित हुए तो उनके पति जेल […]

पटना : बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों से दुष्कर्म मामले में अपने पति पर लगे संगीन आरोपों के बाद नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने आज सफाई देते हुए बड़ा बयान दिया है. समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने कहा है कि आरोप साबित हुए तो उनके पति जेल जायेंगे. साथ ही वे स्वयं सामाजिक और राजनीतिक जीवन से इस्तीफा दे देंगी. इस समय केवल आरोप लगने से इस्तीफा देने का औचित्य नहीं है, इसे प्रमाणित करने के लिए साक्ष्य का होना आवश्यक है. सदन में मुख्य विपक्षी दल राजद के नेताओं की ओर से उनके इस्तीफे की मांग किये जाने पर मंजू वर्मा ने लालू परिवार पर जमकर हमला बोला है.

पटना में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि सदन में लालू परिवार के सदस्यों द्वारा आज उनपर जिस तरीके का आरोप लगाया और अपशब्द का इस्तेमाल किया गया वह उचित नहीं था. मंजू वर्मा ने कहा कि मुझ पर आरोप लगाने के पहले लालू परिवार के सदस्यों को पहले खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर जनता को सफाई देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के शासन के दौरान तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया था और आज मुझ से राजद के नेता इस्तीफे की मांग कर रहे है. लालू यादवपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है और उन्हें जेल भेजा गया. मंजू वर्मा ने कहा कि लालू परिवार को दूसरों पर आरोप लगाने के पहले खुद पर लगे आरोपोंको लेकर जनता के बीच जाना चाहिए और सफाई देना चाहिए.

नीतीश सरकार ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा की
पटना: वहीं, बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक बालिका गृह की 29 बालिकाओं के यौन उत्पीड़न मामले की जांच सीबीआई से कराने की आज अनुशंसा कर दी है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से आज जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बहुत ही घृणित घटना घटी है और पुलिस पूरी मुस्तैदी से इसकी जांच कर रही है. सरकार घटना की निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है, किंतु भ्रम का वातावरण बनाया जा रहा है. उसमें कहा गया है कि भ्रम का वातावरण नहीं रहे, इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रधान सचिव को तत्काल इस मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द करने का निर्देश दिया है.

मामले की तहकीकात निष्पक्ष ढंग से हो, इसके लिए विपक्ष इसकी जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग कर रहा था. बिहार विधानमंडल और संसद में विपक्षी दलों के सदस्यों मामला सदन में उठाये जाने और इसपर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद बिहार के पुलिस महानिदेशक के एस द्विवेदी ने 24 जुलाई को कहा था, ‘‘मैं अपनी जांच से पूरी तरह संतुष्ट हूं. मुझे इसमें कोई खामी नजर नहीं आ रही. इसलिए नहीं लगता कि सीबीआई या अन्य किसी एजेंसी द्वारा जांच किए जाने की आवश्यकता है.’

दरअसल, गृहमंत्री सिंह ने संसद में कहा था कि अगर राज्य सरकार सीबीआई जांच के लिए सिफारिश करती है तो उस पर विचार किया जायेगा. इस संबंध में पटना उच्च न्यायालय में नवनीत कुमार और संतोष कुमार की जनहित याचिका पर न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है. इस पर खंडपीठ ने आज की सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि अब जनहित याचिकाओं पर सुनवाई नौ अगस्त को होगी.

मामले को लेकर सदन की कार्यवाही बाधित

विपक्ष लगातार इस मामले को बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में उठा रहा है जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है. स्तब्ध कर देने वाले इस मामले में जेल में बंद बालिका गृह के सीपीओ रवि कुमार रौशन की पत्नी ने समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा पर उक्त बालिका गृह जाने का आरोप कल लगाते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी. बिहार विधानसभा की आज की कार्रवाई शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों फिर यह मामला उठाया. उन्होंने मंजू वर्मा के पति का नाम आने का जिक्र किया और मामले की जांच सीबीआई द्वारा उच्च न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग की. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने इस मुद्दे पर हंगामा कर रहे विपक्ष सदस्यों को शांत कराने का प्रयास किया. लेकिन, सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक भोजनावकाश दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

एनडीए के नेताओं पर तेजस्वी ने लगाये ये गंभीर आरोप
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज आरोप लगाया कि इसमें समाज कल्याण मंत्री के पति के अलावा बिहार सरकार के एक अन्य मंत्री का भी नाम आया है.तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के ‘चहेते’ हैं. सुशील पर उक्त मंत्री को बचाने का दबाव है इसलिए हमलोग सीबीआई की जांच की मांग कर रहे थे. बिहार विधानसभा परिसर में आज संवाददाताओं से तेजस्वी ने कहा कि मामले की सीबीआई द्वारा निष्पक्ष जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में हो, हम लोग इसके लिए कानूनी पहलुओं पर भी गौर कर रहे हैं.

ये हैं मामला
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रही 44 लड़कियों में 42 की मेडिकल जांच कराए जाने पर उनमें से 29 के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी. दो लड़कियों के बीमार होने के कारण उनकी जांच नहीं हो पायी है. मुजफ्फरपुर बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 10 आरोपियों किरण कुमारी, मंजू देवी, इन्दू कुमारी, चन्दा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, विकास कुमार एवं रवि कुमार रौशन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. एक अन्य फरार दिलीप कुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए इश्तेहार दियेगये हैं और कुर्की की कार्रवाई की जा रही है.

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