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बिहार में अब अल्पावास गृहों में महिलाओं की सुरक्षा करेंगे ट्रांसजेंडर गार्ड

पटना : बिहार में राज्य वित्त पोषित अल्पावास गृहों में ट्रांसजेंडर को सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात किया जा सकता है. सरकार ने अधिकारियों को अल्पावास गृहों में सुरक्षा गार्ड की भर्ती के दौरान ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिये है. राज्य के कुछ अल्पावास गृहों में हाल के दिनों में यौन […]

पटना : बिहार में राज्य वित्त पोषित अल्पावास गृहों में ट्रांसजेंडर को सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात किया जा सकता है. सरकार ने अधिकारियों को अल्पावास गृहों में सुरक्षा गार्ड की भर्ती के दौरान ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिये है. राज्य के कुछ अल्पावास गृहों में हाल के दिनों में यौन शोषण के आरोपों के सामने आने के मद्देनजर ये निर्देश दिये गये है.

समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद द्वारा उक्त सुझाव गत सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लोकसंवाद कार्यक्रम के दौरान ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के अनुरोध पर दिया गया था. अतुल ने बताया कि इन अल्पावास गृहों को चलाने वाले गैर सरकारी संगठनों को निर्देश जारी किये जा रहे हैं कि सुरक्षा गार्ड की भर्ती करते समय ट्रांसजेंडर समुदाय के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाये.

हाल ही में सारण जिला स्थित एक अल्पावास गृह में मानसिक रूप से विक्षिप्त एक लड़की के साथ वहां तैनात एक गार्ड द्वारा दुष्कर्म किये जाने तथा उससे पहले मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक अल्पावास गृह में महिलाओं के साथ यौन शोषण का मामला प्रकाश में आया था. अतुल ने कहा, हम आशा करते हैं कि पुरूष सुरक्षा गार्ड के स्थान पर ट्रांसजेंडर समुदाय के गार्ड की तैनाती करने पर ऐसी वारदातों की पुनरावृत्ति नहीं होगी तथा समाज की मुख्यधारा से अलग हो गये इस समुदाय के लोगों को सम्मानजनक आजीविका का साधन भी उपलब्ध होगा.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा हमने बिहार में ट्रांसजेंडर लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण का तथा ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के लिए एक कार्यालय स्थापित करने का भी आदेश दिया है. इस बीच, ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के सदस्य रेशमा प्रसाद जिन्होंने गत सोमवार को मुख्यमंत्री के समक्ष बिहार में ट्रांसजेंडर समुदाय की समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया था, समाज कल्याण विभाग के इस कदम पर प्रसन्नता व्यक्त की है.

रेशमा ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ऐसे अल्पावास गृह हैं और अगर प्रत्येक ऐसे गृह में कम से कम दो-दो ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों की तैनाती का मार्ग प्रशस्त होगा तथा हमारे बीच के कई लोगों को रचनात्मक तरीके से समाज की सेवा करने का मौका भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि यूएनडीपी के एक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में ट्रांसजेंडर समुदाय के करीब 40,000 लोग हैं.

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