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सामने आयी तल्खी, छोटे भाई की कमान में नहीं मिल पा रहा ” मान ”, तेजप्रताप समय-समय पर पार्टी में तौलते आ रहे हैं अपना वजूद
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने जेल जाने से पहले ही पार्टी का उत्तराधिकार तेजस्वी प्रसाद यादव को सौंप दिया था. 2017 में पार्टी के सांगठनिक चुनाव के बाद आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लगभग इस पर मुहर लग गयी थी. राजद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामचंद्र पूर्वे ने राष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति […]
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने जेल जाने से पहले ही पार्टी का उत्तराधिकार तेजस्वी प्रसाद यादव को सौंप दिया था. 2017 में पार्टी के सांगठनिक चुनाव के बाद आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लगभग इस पर मुहर लग गयी थी. राजद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामचंद्र पूर्वे ने राष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति में सार्वजनिक मंच से तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी.
लालू प्रसाद सहित मंच पर उपस्थित राजद के सभी वरिष्ठ नेताओं की इस पर एक तरह से मौन स्वीकृति मिल गयी है. लालू प्रसाद के जेल जाने के बाद तो तेजस्वी के नेतृत्व में ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह, रघुवंश प्रसाद सिंह, डाॅ रामचंद्र पूर्वे, शिवानंद तिवारी, कांति सिंह, आलोक मेहता आदि पहली पंक्ति के नेताओं द्वारा फैसले लिये जा रहे हैं. महागठबंधन से जदयू के अलग होने के बाद राजद द्वारा बुलायी गयी गांधी मैदान की रैली में तेज प्रताप ने खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन घोषित किया था.
तेज प्रताप यादव सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते रहे हैं कि गद्दी तेजस्वी को ही मिले. बावजूद इसके वह पार्टी में अपना वजूद समय-समय पर तौलते आ रहे हैं. पार्टी संगठन की बात हो या 10 सर्कुलर राेड की, तेज प्रताप को जो लोग पसंद नहीं हैं उनको कहीं भी अहमियत मिलती है, तो वे विद्रोह कर उठते हैं. यही नहीं उनके आदेश का पालन तत्काल नहीं होता है, तो भी वे नाराज हो जाते हैं. उनकी यह नाराजगी लालू प्रसाद के जेल जाने और शादी होने के बाद तल्ख होकर सामने आने लगी है.
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेश कुमार ने कहा है कि राजद का भाजपा पर तेज प्रताप यादव के एकाउंट हैक का आरोप निराधार और गलत है.जेडी(यू) के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि जिनकी अपने परिवार में नो इंट्री है वह क्या किसी को इंट्री देगा. दरवाजा तो दरबान बंद करता है उसे मालिक खोलता है.
शिव मंदिर पर हुई बैठक में महुआ को लेकर थे चिंतित
तेज प्रताप यादव द्वारा सोमवार को फेसबुक पर की गयी पोस्ट के कारण पार्टी और परिवार में जो वातावरण पैदा हुआ है उसकी पटकथा बहुत पहले लिखी जा चुकी थी. पांच दिन पहले राजभवन के समीप बांके बिहारी शिव मंदिर में तेज प्रताप ने प्रभात खबर को दिये विशेष साक्षात्कार में इस बात का संकेत दिया था महुआ में उनके अपने ही साजिश रच रहे हैं.
साजिश नाकाम करने के लिये छात्र राजद को बूथ पर यूथ की टीम खड़ी करने की नसीहत दी थी. महुआ विधायक अपने क्षेत्र में 36 पंचायतों में 250 कार्यकर्ताओं की टीम बनाने में देरी को लेकर नाराज थे. परेशान थे कि पार्टी नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगे हैं.छात्र राजद-डीएसएस के कार्यकर्ताओं से इस प्रकार की चिंता साझा करके उनको बताया था कि उनको किसी तरह के षड़यंत्र की सूचना समय पर दें.साथ ही पार्टी के कार्यकर्ता निर्धारित टास्क को समय से पूरा करे. उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि जो ठीक से काम नहीं करेगा उसे हटा दिया जायेगा. तेज प्रताप के कहने पर ही रविवार को महुआ में छात्र राजद ने टी विद तेज प्रताप कार्यक्रम किया था. उसी दिन मुस्तफा पंचायत में मंदिर निर्माण समिति का गठन किया गया.
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