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टॉपर फैक्टरी है सिमुलतला विद्यालय, टॉपरों को नकद राशि के साथ लैपटॉप की सौगात
पिछले दो वर्षों के मुकाबले इस बार मैट्रिक का रिजल्ट काफी बेहतर रहा. इसको लेकर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा से लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक तक ने सफल विद्यार्थियों को बधाई दी. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष ने टॉपर को एक लाख, सेकेंड टॉपरों को 75-75 हजार और थर्ड टॉपर को 50 हजार नकद इनाम देने की […]
पिछले दो वर्षों के मुकाबले इस बार मैट्रिक का रिजल्ट काफी बेहतर रहा. इसको लेकर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा से लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक तक ने सफल विद्यार्थियों को बधाई दी. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष ने टॉपर को एक लाख, सेकेंड टॉपरों को 75-75 हजार और थर्ड टॉपर को 50 हजार नकद इनाम देने की घोषणा की है. असफल विद्यार्थी हिम्मत न हारें, इससे सीख लेकर जीवन में हमेशा आगे बढ़ें.
लेफ्टिनेंट बन देश की सेवा करूंगा
अंकित कुमार
बिहारशरीफ नालंदा के कतरीसराय बाजार निवासी अजय शाह के पुत्र अंकित कुमार ने मैट्रिक की मंगलवार को जारी रिजल्ट में सूबे के टॉप टेन में नौवां स्थान प्राप्त किया है. उससे कुल 446 अंक प्राप्त हुए हैं.
अंकित कुमार सिमुतला विद्यालय का छात्र है. उसकी इस सफलता से माता पिता सहित गांव के लोग खुश हैं. अंकित के पिता अजय शाह कतरीसराय बाजार में ही कपड़े की दुकान चलाते हैं. अंकित की मां रूबी देवी गृहिणी है. अंकित की इस सफलता से मां-पिता के साथ ही उसका छोटा भाई आलोक कुमार व दो छोटी बहनें अंशु व अमीषा काफी खुश हैं. अजय शाह ने टेलीफोन पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि आज मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी का दिन है. रुबी देवी ने बेटे की इस सफलता पर खुशी का इजहार करते हुए भगवान को शुक्रिया कहा.
अंकित ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व शिक्षकों को दिया है. अंकित ने कहा कि वह सेना में लेफ्टिनेंट बनकर देश की सेवा करनाचाहता है.
बिहार टॉपर में
थोड़ा पढ़ा और ज्यादा समझा
गोपालगंज. उचकागांव प्रखंड के उजरा नारायणपुर के प्रेम लाल गुप्ता की पुत्री नेहा कुमारी ने कहा टॉपर बनने के लिए फॉर्मूला आसान है.
पढ़ाई के साथ समझना भी जरूरी है. नेहा ने कहा कि बोर्ड परीक्षा के लिए थोड़ा पढ़ा, ज्यादा समझा और टॉपर आ गयी. छात्रा ने मैथ व साइंस में बेहतर अंक प्राप्त किया है. नेहा कुमारी के पिता प्रेम लाला गुप्ता एलआईसी के अभिकर्ता हैं. छात्रा ने बोर्ड परीक्षा में कुल 448 अंक हासिल की है. इस सफलता का श्रेय ने छात्रा ने अपने शिक्षक और माता-पिता को दी है.
नेहा कुमारी
मोबाइल व टीवी से रही दूर
गोपालगंज. भोरे प्रखंड के डूमर नरेंद्र के हरेंद्र कुमार की पुत्री अनुपमा कुमारी ने जिले में स्टेट टॉपर बनने के साथ ही दूसरा स्थान प्राप्त किया है. टॉपर छात्रा ने कहा कि कड़ी मेहनत के कारण सफलता मिली. पांच से सात से पांच घंटे हर रोज पढ़ाई करती थीं. मोबाइल व टीवी से काफी दूर रही. अनुपमा को बोर्ड परीक्षा में 446 अंक मिले हैं. छात्रा की इस सफलता पर अभिभावकों ने बताया कि आगे की पढ़ाई कर कोटा से मेडिकल की तैयारी करना चाहती है.
पढ़ाई में रमना है जरूरी
बैकुंठपुर. मैट्रिक बोर्ड परीक्षा की स्टेट टॉपर अंजलि कुमारी सोनी का कहना है कि सफलता के लिए कोचिंग नहीं पढ़ाई में रमना जरूरी है. उसे 446 अंक मिले हैं.
अंजलि ने परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं की. सिर्फ अपने माता-पिता व भाई के मार्गदर्शन में तैयारी करती रहीं. परिणाम घोषित होने के बाद अंजलि ने ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में बताया कि बोर्ड परीक्षा की तैयारी एडमिशन के बाद से ही शुरू कर दी थी. कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम आज एग्जाम में देखने को मिल रहा है.
टॉपर फैक्टरी: सिमुलतला विद्यालय
जमुई : नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर सिमुलतला आवासीय विद्यालय की स्थापना कर दी. उनका एकमात्र उद्देश्य यह था कि बिहार में भी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके.
वर्तमान समय में मैट्रिक और इंटरमीडिएट का रिजल्ट को देखें तो सिमुलतला विद्यालय के छात्रों ने लगातार सफलता का परचम लहराकर इस उद्देश्य को सफल बनाया है. बानगी यह है कि स्थापना के बाद पहले वर्ष के ही बोर्ड परीक्षा में इस विद्यालय के छात्रों ने सफलता का परचम लहराया वह निरंतर जारी है.
संसाधन विहीन इस विद्यालय के छात्र प्रत्येक वर्ष मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में सफलता का परचम लहराने के बाद अन्य प्रतियोगी परीक्षा में अपनी लोहा मनवा रहे हैं. परंतु इस विद्यालय में आज भी संसाधन का घोर अभाव है.
आजतक इस विद्यालय को अपना भवन नसीब नहीं हो सका है. छात्रों को पठन-पाठन और खेलकूद को लेकर पर्याप्त व्यवस्था नहीं मिल सका है. यहां काम करने वाले शिक्षकों को नियमित वेतन नहीं मिल पाता है. इसलिए कहा जा सकता है कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय अपने उद्देश्य में सफल तो हो गया है.
परंतु आज भी यह संसाधन में विफल है. बताते चलें कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय जमुई जिले के अति नक्सल प्रभावित इलाके वनाच्छादित क्षेत्र में स्थापित है. जहां आज भी यह विद्यालय किराया की कोठियों में संचालित है. वर्ष 2010 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उक्त विद्यालय का उद्घाटन किया था और तब से लेकर आज तक लगातार यह विद्यालय पूरे बिहार को अग्रणी छात्र देता रहा है. चाहे इंटरमीडिएट परीक्षा की बात हो या मैट्रिक परीक्षा की बात हो या प्रतिवर्ष यहां से बड़ी संख्या में टॉपर्स निकलते हैं. इस बार भी 23 में से 16 छात्र टॉपर ने टॉप टेन में अपनी जगह बना कर विद्यालय के उद्देश्य को और पुख्ता कर दिया है.
उद्देश्य में सफल, संसाधन में विफल
विद्यार्थियों के लिए नहीं है पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था : बताते चलें कि आज भी इस विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए सुविधाओं का अभाव है. उन्हें सही तरीके से रहने की व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं हो पाती है. तो उन्हें खेलने के लिए मैदान तक नहीं है. इस के विद्यार्थियों के लिए कोई अलग से व्यवस्था भी नहीं की गई है. परंतु आज भी बिहार से बड़ी संख्या में छात्र प्रतिवर्ष यहां आते हैं और सफलता का परचम लहराते हैं.
शिक्षकों को नहीं दिया जाता है नियमित वेतन : सिमुलतला विद्यालय बताते हुए कहते हैं कि उन्हें आज भी वेतन का भुगतान नहीं हो पाता है. और इसका शिक्षा की गुणवत्ता पर भी व्यापक असर पड़ता है. परंतु यहां के शिक्षकों का अपने कार्य के प्रति जवाबदेही इतनी प्रगाढ़ है कि आज भी यह पूरी तन्मयता के साथ अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हैं और प्रतिवर्ष विद्यालय से बड़ी संख्या में टॉपर्स निकलते हैं.
जिला टॉपर बन कर नाम किया रोशन
अश्वनी
सफलता रातों रात नहीं मिलती है. इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. बस इसी सोच को मैंने आगे रखा और आज मुझे मेरी मेहनत का परिणाम मिल गया.
यह कहना है बोर्ड एग्जाम में सीतामढ़ी जिले में टॉप आने वाले अश्वनी का. जिले के सोनवर्षा ब्लॉक के मधेसरा गांव के निवासी अश्वनी के पिता जयशंकर प्रसाद सोनवर्षा ब्लॉक में ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर के पद पर कार्यरत हैं जबकि मां रीता कुमारी मिडिल स्कूल में टीचर के पद पर कार्यरत हैं. बोर्ड एग्जाम में 500 नंबर में से 444 नंबर हासिल करने वाले अश्वनी कहते हैं, शुरू से ही यही सोच के स्टडी करता रहा कि मुझे बेहतर करना है.
जब भी तैयारी करता था, सौ प्रतिशत देने की सोच के करता था. मार्गदर्शन के स्कॉलरशिप में हिस्सा लेकर मेडिकल की तैयारी कर रहे अश्वनी कहते हैं, मेरी तमन्ना डॉक्टर बनने की है और पहली सीढ़ी को मैंने पार पा लिया है. अब और बेहतर तरीके से तैयारी करूंगा.
यूपीएससी कर आईएएस बनना है
अमन कुमार
बोर्ड एग्जाम में 500 में 443 नंबर हासिल कर के बेगूसराय जिले में सेकेंड टॉपर बनने वाले जिले के सदर ब्लॉक के कोरिया हैबतपुर गांव के अमन कुमार का सपना पहले इंजीनियर और उसके बाद यूपीएससी को क्लियर कर के आईएएस बनने का है. मजदूर पिता दिनेश साहनी और गृहणी मां मालती देवी के पांच संतानों में से एक अमन कहते हैं, शुरू से यही सोच के तैयारी किया कि मुझे टॉप करना है. अमन कहते हैं हर रोज टॉपिक के हिसाब से नौ घंटे की स्टडी रोज करता था.
कोशिश यही रहती थी कि हर सब्जेक्ट पर पकड़ बनानी है. वह कहते हैं, मुझसे छोटा मेरा एक और भाई है. उसे यह सीख दूंगा कि वह मुझसे भी बेहतर करे. मार्गदर्शन इंस्टीट्यूट में जेईई मेन की तैयारी कर रहे अमन कहते हैं, वैसे तो मेरा इरादा जेईई एडवांस्ड को क्लियर कर के कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने का है. जब जेईई क्लियर होगा तब मैं यूपीएससी को क्लियर करूंगा.
पटना : मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी होने के साथ ही बिहार बोर्ड ने राज्य स्टेट टॉपर्स की सूची में शामिल विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने की घोषणा की है. बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया है कि स्टेट टॉपर को एक लाख रुपये पुरस्कार स्वरूप प्रदान किये जायेंगे. सेकेंड टॉपरों को 75 हजार व थर्ड टॉपर को 50 हजार रुपये प्रदान किये जायेंगे. साथ ही उन्हें एक-एक लैपटॉप व किंडल ई-रीडर प्रदान किया जायेगा. इसके अलावा फोर्थ से लेकर टेंथ टॉपरों को पुरस्कार राशि के रूप में 10-10 हजार रुपये तथा एक-एक लैपटॉप प्रदान किया जायेगा.
परेशानी
20 मिनट विलंब से जारी हुआ रिजल्ट
मैट्रिक परीक्षा के रिजल्ट को लेकर सुबह से ही विद्यार्थी व अभिभावकों में उत्सुकता बनी हुई थी.उन्हें रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार था.
बिहार बोर्ड द्वारा घोषित समय 4:30 बजते ही विद्यार्थी व अभिभावक बोर्ड की वेबसाइट पर रिजल्ट सर्च करने लगे. लेकिन तब तक रिजल्ट जारी नहीं हुआ था. दरअसल 20 मिनट विलंब से 4:50 बजे मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा बोर्ड सभागार में पहुंचे और रिजल्ट जारी किया. इसके बाद कुछ विद्यार्थी तो रिजल्ट देख सके, लेकिन देर शाम तक साइट जाम होने के कारण विद्यार्थियों को अपना रिजल्ट देखने के लिए इंतजार करना पड़ा.
रिजल्ट घोषित होते ही वेबसाइट हो गयी क्रैश
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक का रिजल्ट शाम साढ़े चार बजे जारी कर दिया गया, लेकिन परीक्षार्थियों को रिजल्ट जानने में काफी परेशानी हुई. देर रात तक वेबसाइट पर परीक्षार्थियों को रिजल्ट नहीं मिला. समिति की वेबसाइट लगातार कई घंटों तक नहीं खुली. इस कारण छात्र रिजल्ट जानने को लेकर भटकते रहे. कई जिलों के परीक्षार्थी ने फोन कर बताया कि वेबसाइट नहीं खुल रही है.
बिहार बोर्ड द्वारा जारी कई वेबसाइट पर छात्रों ने देर रात तक रिजल्ट जानने का प्रयास किया लेकिन छात्र रिजल्ट नहीं जान सके. रिजल्ट जानने को लेकर अभिभावक भी इधर-उधर भागते रहे. रिजल्ट देख नहीं पाने के कारण छात्र अब बुधवार का इंतजार कर रहे हैं. जब अखबार में रौल नंबर के साथ उनका रिजल्ट दिखेगा. शुभम कहते हैं कि शाम पांच बजे से ही रिजल्ट देखने की कोशिश करते रहे, लेकिन समिति का वेबसाइट नहीं खुला.
शिक्षा मंत्री बोले राज्य में बच्चे पढ़ाई में रुचि ले रहे हैं
इस बार राज्य में कदाचारमुक्त व शांतिपूर्ण परीक्षा हुई. बावजूद मैट्रिक में विद्यार्थियों का पास प्रतिशत बेहतर रहा है. इससे प्रतीत होता है कि राज्य में बच्चे अब पढ़ाई में रुचि ले रहे हैं. यह बात राज्य के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कही. वह मंगलवार को बिहार बोर्ड के सभागार में मैट्रिक परीक्षा के रिजल्ट की घोषणा के बाद बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि स्टेट टॉप-10 में शीर्ष तीन स्थानों पर छात्राओं ने जगह बनायी है, जो मुख्यमंत्री की बालिका शिक्षा के प्रति सजगता का परिचायक है. इससे बालिकाओं में पढ़ने की भावना को बल मिला है.
उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि रिजल्ट में कोई त्रुटि न हो, इस कारण रिजल्ट के प्रकाशन में विलंब हुआ. शिक्षा मंत्री ने परीक्षा में सफल विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की. साथ कहा कि असफल विद्यार्थी हिम्मत न हारें, इससे सीख लेकर जीवन में हमेशा आगे बढ़ें. इससे पूर्व उन्होंने बटन दबा कर रिजल्ट जारी किया. इस अवसर पर बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर, शिक्षा विभाग के सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू, बोर्ड के सचिव अनूप सिन्हा, राजीव समेत अन्य उपस्थित थे.
आनंद किशोर ने कहा इस बार रिजल्ट में हुआ सुधार
रिजल्ट जारी होने पश्चात मीडिया को संबोधित करते हुए बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने रिजल्ट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि इस बार रिजल्ट में वृद्धि प्रश्नपत्र के पैटर्न में बदलाव का सकारात्मक परिणाम है. इसके अलावा परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे, सख्ती आदि के कारण परीक्षा परिणाम सुधरा है. स्टेट टॉप-10 सूची की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शीर्ष तीन स्थान पर छात्राओं द्वारा जगह बनाया जाना राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की परिचायक है. शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है.
विश्वास पैदा करें कि आगे हम और भी बेहतर कर सकते हैं
पटना : बिहार बोर्ड 10वीं का परिणाम घोषित हो गया, सभी सफल छात्र बधाई के पात्र हैं. यह परिणाम आपकी मेहनत, लगन और काबिलियत का प्रमाण है.
बिहार बोर्ड का भी गौरवमयी इतिहास रहा है. कुछ प्रकरणों को छोड़ दिया जाये तो, बिहार बोर्ड से उत्तीर्ण छात्रों ने सभी क्षेत्रों में सफलता का परचम लहराया है. सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले छात्र मेहनत और प्रतिभा में कमतर नहीं होते हैं. बस इनके मार्ग का अवरोध सुविधाओं की कमी है, फिर भी छात्र स्वयं के बलबूते इस अवरोध को पार करते हुए आगे बढ़ते हैं. आप लोगों के परीक्षा परिणाम का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि ज्यादातर छात्र इसमें ग्रामीण परिवेश से आते हैं.
कई छात्र तो ऐसे भी परिवेश से आते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय होती है. इन सब समस्याओं को झेलते हुए वे स्वयं को परीक्षा के समर में उतारते हैं. इसलिए आप सभी विशेष बधाई के पात्र है. हर साल की तरह इस बार भी कई छात्र अच्छे अंकों से पास हुए. कुछ का औसत और कुछ का औसत से कम प्रदर्शन रहा.
हालांकि इन सबके बीच, वैसे छात्र जो समझ रहे हैं कि उनका परिणाम आशानुरूप नहीं हुआ या औसत रहा, तो वे निम्नलिखित बातों को जेहन में उतार लें.
अपने लक्ष्य पर ध्यान दें, निराश न हों
स्वयं को निराशा से बचाएं अर्थात निराश न हों. यह परीक्षा अंतिम परीक्षा नहीं है, इसके आगे भी अनेक परीक्षाएं आपके सामने हैं. स्वयं पर भरोसा बनाये रखें और मन में यह विश्वास पैदा करें कि आगे हम और भी बेहतर कर सकते हैं, आपका स्वयं पर भरोसा आपका सबसे बड़ा सहारा और मार्गदर्शक है.
नकारात्मक सोच को अपने अंदर न आने दें और यह सोचें कि अभी सारा जहां हमारा है. आपने कई महान क्रिकेट खिलाड़ियों को देखा होगा, जो शून्य पर आउट होने एवं लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद निराश नहीं होते हैं और पता लगाते हैं कि उनकी कमजोरी क्या है. वे इस क्षेत्र में सुधार के लिये मेहनत करते हैं और सफल होकर दिखाते हैं.
इसी प्रकार आप भी कमजोर बिंदु को पहचानें और उसे दूर करने की ठान लें. आप भविष्य में पायेंगे कि सफलता आपके कदम पर है. हर मां-बाप अपने बच्चों के हर पहलू से अवगत रहते हैं, तो अभिभावकों को चाहिए कि अपने बच्चों के प्रदर्शन को लेकर निराशावादी बातें न करके उनके अंदर छिपे अच्छे पहलुओं को उजागर करें और बताएं कि उनमें अच्छी बातें क्या हैं और इन्हीं अच्छाइयों से वे आगे बढ़ें.
इस समय बच्चों को अपने माता-पिता की अधिक आवश्यकता होती है. इसलिए हर अभिभावक को चाहिए कि अपने बच्चों की हौसला अफजाई करें और उनमें यह विश्वास पैदा करें कि वे अपने बच्चों के साथ हैं. स्वयं के परिणाम की तुलना दूसरे के परिणाम से करने से बचें. आप एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण ले सकते हैं. आप नये रास्ते की तलाश में जुट जाएं और दूसरे मार्ग को अपना कर भी आप लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.
अविनाश कुमार, शिक्षक व मनोविज्ञान
राज्यपाल ने मैट्रिक में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करनेवाली प्रेरणा राज को दी बधाई
राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने मैट्रिक की परीक्षा में सफल सभी विद्यार्थियों को भी अपनी शुभकामना दी है. उन्होंने परीक्षा–परिणाम में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करनेवाली छात्रा प्रेरणा राज को बधाई दी है. राज्यपाल श्री मलिक ने परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करनेवाली सिमुलतला आवासीय विद्यालय की छात्रा प्रेरणा राज इसी स्कूल की द्वितीय स्थान प्राप्त करनेवाली प्रज्ञा एवं शिखा कुमारी तथा तृृतीय स्थान प्राप्त करनेवाली छात्र अनुप्रिया कुमारी को भी बधाई दी है. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि ये सभी आगे और बेहतर प्रदर्शन करेंगे.
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