36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विशेष राज्य का दर्जा मांगेगा बिहार, जुलाई में 15वें वित्त आयोग की टीम का होगा दौरा, जानें

पटना : 15वें वित्त आयोग के समक्ष बिहार विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग रखेगा़ 11 और 12 जुलाई को पटना आने वाली 15वें वित्त आयोग की टीम को राज्य सरकार जो ज्ञापन सौंपने वाली है, उसकी प्रमुख मांगों में विशेष राज्य का दर्जा भी है़ राज्य सरकार का मानना है की बिहार […]

पटना : 15वें वित्त आयोग के समक्ष बिहार विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग रखेगा़ 11 और 12 जुलाई को पटना आने वाली 15वें वित्त आयोग की टीम को राज्य सरकार जो ज्ञापन सौंपने वाली है, उसकी प्रमुख मांगों में विशेष राज्य का दर्जा भी है़ राज्य सरकार का मानना है की बिहार को विकसित राज्यों की कतार में लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना जरूरी है.
ज्ञापन में केंद्रीय संसाधनों के बंटवारे में 42% की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 50% करने की मांग भी रखी जायेगी. इसके साथ ही राज्य सरकार का मानना है कि बिहार के लिए आपदा एक रूटीन जैसी बन गयी है़ दूसरे राज्यों के लिए यह आकस्मिक हो सकता है, पर बिहार प्रतिवर्ष प्राकृतिक आपदा से जूझने वाला राज्य है़
ऐसे में बिहार इस मद में अतिरिक्त मदद मांगेगा़ ज्ञापन में आधारभूत संरचना की मजबूती के लिए अतिरिक्त सहायता और निचले स्तर तक के स्थानीय निकायों के लिए सहायता की मांग करेगा़ बिहार के लिए 15वें वित्त आयोग इस मायने में खास है कि इसके अध्यक्ष पूर्व आईएएस अधिकारी एनके सिंह यहीं के मूल निवासी हैं. आयोग की फूल टीम 11 और 12 जुलाई को पटना में होगी़
राज्य सरकार ने अपनी ओर से आयोग के समक्ष उसके कार्यकाल 2020 से 25 तक की जरूरतों का मसौदा तैयार किया है़ राज्य सरकार ने आयोग के उस फाॅर्मूले का समर्थन किया है, जिसमें आबादी के अनुपात में केंद्रीय संसाधनों के बंटवारे की बात कही गयी है.
देश में योजना आयोग का अस्तित्व समाप्त होने के बाद यह पहला आयोग है. 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल पहली अप्रैल, 2020 से 2025 तक होगा़ 14वें वित्त आयोग के कार्यकाल में बिहार के लिए केंद्रीय संसाधनों की हिस्सेदारी 9.67% रही है़
चार बैठकें होंगी
वित्त आयोग की टीम अपने दौरे के क्रम में चार बैठकें करेगी़ पहली बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ होगी, जिसमें मुख्य सचिव और चुनिंदा आला अधिकारी भी शामिल होंगे़ दूसरी बैठक प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ होगी़
तीसरी बैठक त्रिस्तरीय स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ होगी और अंतिम बैठक उद्योग और व्यापार जगत के प्रतिनिधियों के साथ होगी़ सभी बैठकों में आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह उपस्थित रहेंगे़
राज्य सरकार वित्त आयोग के समक्ष अनुदान के फाॅर्मूले में भी संशोधन का सुझाव रखेगी़
फिलहाल केंद्र सरकार वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर स्थानीय निकायों के लिए बेसिक और परफाॅर्मेंस के आधार पर अनुदान देती है़ बेसिक मामले में किस राज्य को प्रतिवर्ष कितनी रकम मिलेगी, यह तय होता है़ इस साल की राशि खर्च कर उपयोगिता प्रमाणपत्र के आधार पर अगली किस्त मंजूर हो जाती है़
जबकि परफाॅर्मेंस आधारित अनुदान की नीति अलग है़ राज्य सरकार का मानना है कि आयोग का मौजूदा फाॅर्मूला विकसित राज्यों के हित में है़ बिहार को इन राज्यों के साथ रखना नुकसानदेह है़ इसलिए सरकार अपने ज्ञापन में इस फाॅर्मूले को बदलने का सुझाव देगी़ इसी प्रकार आयोग का मौजूदा फाॅर्मूला स्थानीय निकायों में सिर्फ जिला पर्षद के लिए ही स्वीकृत है़ राज्य सरकार त्रिस्तरीय पंचायत के लिए अनुदान की मांग करेगी़
राज्य सरकार एसडीआरएफ के मद में मिलने वाले अनुदान और सहायता को लेकर भी अपनी मांग रखेगी़ 14वें वित्त आयोग की सिफारिश में ही एसडीआरएफ सहायता में राज्यों के लिए 90:10 का अनुपात तय हुआ था, लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है़ अब भी राज्य सरकार को 25% और केंद्र को 75% देना होता है़ राज्य सरकार अपने ज्ञापन में इसे 90:10 करने का मांग रखेगी़
यह है 15 वें वित्त आयोग की टीम
एनके सिंह, केंद्र सरकार में पूर्व सचिव, अध्यक्ष
शक्तिनाथ दास, पूर्व सचिव, सदस्य
प्रो डाॅ अनूप सिंह, सदस्य
डाॅ अशोक लाहिडी, सदस्य
डाॅ रमेश चंद्र, सदस्य
श्री अरविंद मेहता, सदस्य सचिव
आयोग का दायरा
-केंद्र और राज्यों के बीचकर राशि के बंटवारे का फाॅर्मूला देना
-राज्यों को दी जाने वाली सहायता राशि के बंटवारे का फाॅर्मूला
-समावेशी विकास के लिए राज्यों की जरूरत के आधार पर बेहतर राजकोषीय व्यवस्था बनाना, जिसमें समता, दक्षता और पारदर्शिता जरूरी
– न्यू इंडिया 2022 के एजेंडे के लिए राज्यों की राजस्व उगाही बढ़ाने दिशा में सुझाव
– केंद्र सरकार की योजनाओं पर हो रहे खर्च और उसकी उपलब्धियों व गुणवत्ता की समीक्षा
-राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान दिये जाने पर विचार
-जीएसटी के विस्तार पर राज्य सरकार के प्रयासों पर नजर
-जनसंख्या पर कंट्रोल के किये ला रहे प्रसास
बिहार को मिला 3041 करोड़ का जीएसटी मुआवजा
केंद्र सरकार ने बिहार को जीएसटी मुआवजा के मद में 3041 करोड़ रुपये जारी किये है़ं वित्त विभाग के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने जीएसटी के लिए 2015-16 को बेस वर्ष माना है़ इस वर्ष राजस्व उगाही में कमी दर्ज की गयी है. उसकी भरपाई केंद्र करेगा. इसी आधार पर बिहार को 3041 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला है़
वित्त आयोग और केंद्र द्वारा राज्यों के लिए शेयर
14वें वित्त आयोग 42 प्रतिशत
13वें वित्त आयोग 32 प्रतिशत
12वें वित्त आयोग 30़ 5 प्रतिशत
11वें वित्त आयोग 28़.5 प्रतिशत
राज्यों को इस आधार पर मिल रही सहायता व अनुदान
आबादी -27़ 5 प्रतिशत
राज्यों की आय – 50 प्रतिशत
क्षेत्रफल – 15 प्रतिशत
पर्यावरण -7़ 5 प्रतिशत

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें