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अजीत सरकार हत्याकांड मामले में पप्पू की मुश्किलें बढ़ी, सीबीआई की याचिका सुप्रीम कोर्ट में मंजूर

पटना : जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और सांसद पप्पू यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जानकारी के मुताबिक पप्पू यादव की मुश्किल अजीत सरकार हत्याकांड मामले में एक बार फिर बढ़ गयी है. इस हत्याकांड को लेकर हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर […]

पटना : जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और सांसद पप्पू यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जानकारी के मुताबिक पप्पू यादव की मुश्किल अजीत सरकार हत्याकांड मामले में एक बार फिर बढ़ गयी है. इस हत्याकांड को लेकर हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है. बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के याचिका मंजूर करने के बाद पप्पू यादव मुश्किल में फंस सकते हैं. हालांकि, पप्पू यादव ने कहा है कि मुझे जब भी बुलाया जायेगा, तो मैं जाऊंगा. पप्पू ने कहा कि अभी सीबीआई सुप्रीम कोर्ट गयी है, मेरा जाना अभी बाकी है.

माकपा के पूर्व विधायक सरकार की 14 जून 1998 को पूर्णिया जिले में अज्ञात लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी जिसमें राजद के पूर्व सांसद, तिवारी और यादव पर आरोप लगाया गया था. इस हत्याकांड मे पप्पू यादव भीमुख्य आरोपी थे. इस हत्याकांड की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो ने की थी. उच्च न्यायालय ने2013में 17 मई को पप्पू यादव और दो अन्य आरोपियों राजन तिवारी तथा अनिल कुमार यादव को सबूतों के अभाव में अजीत सरकार हत्याकांड से बरी कर दिया था.

पूर्व मेंहाइकोर्ट ने पप्पू यादव को उम्र कैद की सजा देने का निचली अदालत का निर्णय निरस्त कर दिया था. अदालत ने पप्पू यादव को तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया था बशर्ते किसी अन्य मामले में वह वांछित नहीं हो. पप्पू यादव बेउर जेल और तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान कई बार चर्चा में आये थे. नवंबर 2004 में जेल में बड़ी संख्या में मुलाकातियों के साथ दरबार लगाने और गैरकानूनी तरीके से फोन के इस्तेमाल के लिये भी वह चर्चा में रहे थे. निचली अदालत ने इस मामले में पप्पू को 2008 में दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

पप्पू यादवपांच बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। वह 1991, 1996, 1999 और 2004,2014 में लोकसभा चुनावों में विजयी हुए थे. मामले में दोषसिद्धि के बाद 2009 में उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गयी थी. पप्पू यादव बेउर जेल और तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान अपने आचरण के कारण कई बार खबरों में रहे हैं. हाल के दिनों में अस्पतालों और अवैध कोचिंग संस्थानों के खिलाफ उन्होंने अभियान छेड़ रखा है. यहां तक की दिल्ली इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की मदद करने के लिए भी वह चर्चा में रहते हैं.

पप्पू यादव ने लालू यादव केएम्स से रिम्स शिफ्ट करने को लेकर मचे घमसान पर कहा कि लालू यादव की ताबियत कैसी है इसको लेकर एक मेडिकल बोर्ड बनाया जाये जो कि जजों की निगरानी में बने. पप्पू ने कहा कि लालू यादव की तबियत को लेकर मैं हमेशा उनके साथ खड़ा हूं इसमें किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. अजीत सरकार हत्याकांड मामले में बरी होने के बाद पप्पू यादव एक बार फिर राजनीति में सक्रिय हो गये थे. एक बार फिर यह मामला सामने आने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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