पटना: राज्यसभा चुनाव को लेकर हुए नामांकन के बाद बिहारके छहसीटों में से महागठबंधन के तीनों उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया गया है. बिहार विधानसभा में सचिव ने तीनों उम्मीदवारों के समक्ष उनके जीत का एलान किया. महागठबंधन की तरफ से राज्यसभा के लिए राजद ने मनोज झा और अशफाक करीम तथा कांग्रेस नेअखिलेश प्रसाद सिंह को उम्मीदवारबनाया था. तीनों उम्मीदवारों को औपचारिक तौर पर विजयी घोषित कर दिया गया. बिहार विधानसभा के सचिव आरएस राय में तीनों उम्मीदवारों को सर्टिफिकेट प्रदान किया और उनके जीत की घोषणा की.
Patna: RJD's Manoj Jha and Ashfaq Karim along with Congress' Akhilesh Prasad Singh receive certificate of election from Returning Officer after getting elected to Rajya Sabha. #Bihar pic.twitter.com/NIzFPJ1Shm
— ANI (@ANI) March 15, 2018
गौर हो कि राज्यसभा चुनाव में बिहार से छह उम्मीदवारों ने नामांकन किया था. राज्यसभा चुनाव के लिए चुनाव होने थे, लेकिन विरोध में किसी भी उम्मीदवार के मैदान में नहीं आने से तीनों को निर्विरोध चुन लिया गया.
मनोज झा
बिहार के सहरसा के रहने वाले राजद के मुख्य प्रवक्ता मनोज मनोज झा की छवि पाक-साफ है. मनोज मनोज झा दिल्ली विश्वविद्यालय में सामाजिक कार्य विभाग के अध्यक्ष हैं. राजनीतिक जानकारों की माने तो मनोज झा पर सहमति बनाकरराजद ने ब्राह्मण वोटरों को साधने की कोशिश की है.
अशफाक करीम
राजदकीटिकट पर राज्यसभा पहुंच रहे अशफाक करीम भी शिक्षा क्षेत्र से ही जुड़े हुए हैं. कटिहार में अशफाक करीम का मेडिकल कॉलेज है. हालांकि राजद से पहले अशफाक लोजपा में भी रह चुके हैं. अशफाक करीम का राजनीतिक इतिहास बहुत ज्यादा नहींहै, लेकिन लोकसभा चुनाव में ये कटिहार से एक बार भाग्य आजमा चुके हैं. अशफाक करीम का दामन साफ नहीं रहा है. दरअसल, वर्ष 2013 में पुलिस ने अशफाक को रुपयों से भरे गद्दे पर सोते हुए पकड़ा था. यही नहीं, कटिहार मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए सीट बेचने और पेपर लीक करने के मामले में अशफाक को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था.
अखिलेश प्रसाद सिंह
बिहार के अरवल जिले के रहने वाले 56 वर्षीय अखिलेश प्रसाद सिंह इस बार राजद के सहयोग से कांग्रेस की टिकट पर राज्यसभा पहुंच रहे है. 14वीं लोकसभा चुनाव में मोतिहारी से जीत हासिल करने वाले अखिलेश सिंह केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं. 2004 में राजद कोटे से अखिलेश सिंह केंद्र में खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री बने, लेकिन लालू यादव से मनमुटाव होने के बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गये और अब वो कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभापहुंच रहे हैं. अखिलेश सिंह को बिहार प्रदेश कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की चर्चा भी जोरो से हो रही है.