पटना : गुजरात में भाजपा की जीत पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी खुश दिखे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को फोन कर बधाई भी दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव में जीत के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं भारतीय जनता पार्टी को बधाई. गुजरात में जीत का दावा करने वाली कांग्रेस हिमाचल भी हार गयी. ज्ञात हो कि गुजरात चुनाव में जदयू की ओर से भी उम्मीदवार खड़े किये गये थे. जदयू नेता केसी त्यागी ने गुजरात चुनाव से पहले पार्टी के राज्य में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी और नीतीश कुमार ने उस पर अपनी मुहर भी लगायी थी, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि नीतीश गुट वाली जनता दल यूनाइटेड ने गुजरात विधानसभा चुनाव में 6 सीटों को छोड़कर बाकी सीट पर अपनी जमानत गंवा दी है.
वहीं गुजरात में अपने प्रदर्शन को लेकर जदयू संतुष्ट है. पार्टी नेता केसी त्यागी ने कहा कि हमारा उद्देश्य अपने चुनाव चिह्न और कार्यक्रमों को प्रचारित करना था. हम अपनी छोटी उपलब्धि पर भी प्रसन्न हैं. उन्होंने कहा कि छोटू भाई बसावा पिछले दस सालों से गुजरात जदयू के अध्यक्ष थे. उनके पार्टी छोड़कर जाने के बावजूद हमारा पहले से बेहतर प्रदर्शन रहा है. वहीं शरद खेमे के अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि जदयू की सभी सीटों पर जमानत जब्त है. चार हजार वोट लाने से जमानत नहीं बचती. पिछली बार पार्टी ने 35 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 34 की जमानत जब्त हो गयी थी. जदयू के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि छोटू भाई बसावा को शरद यादव ने अपने तथाकथित दल का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था.लेकिन वह चुनाव से ठीक पहले उन्हें छोड़ भारतीय ट्रायबल पार्टी में शामिल हो गये.
चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक जदयू के प्रत्याशियों को हर सीट पर अपनी जमानत बचाने में भी सफलता नहीं मिली. कई सीटें तो ऐसी थीं जहां पार्टी सबसे निचले स्थान पर रही. जदयू ने कुल 38 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ा था. अधिकांश सीटों पर पार्टी नीचे से प्रथम स्थान पर रही. वहीं सकारात्मक बात करें, तो पार्टी पांच विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे स्थान पर रही. चुनाव आयोग द्वारा जारी रिजल्ट के आधार पर बात करें, तो अंजर विधानसभा सीट पर शेख मुस्तफा को 999 वोट, बाला सिनोर विधानसभा में शेख मुस्ताक भाई को 748, दांता विधानसभा में सोलंकी सोम भाई को 361, दरियापुर में शेख मोहम्मद फारुख को 82, देदियापड़ा में तुषार वसावा को 1291, धोराजी में सुतारिया मनीषा बेन को 170, फतेपुरा में परसिंग भाई पंजाबी को 1989, गर्बदा में नवल भाई भूरा को 1506, जामनगर दक्षिण में छोटू भाई इस्माइल को 489, झांगड़िया में छोटू भाई वसावा को सबसे ज्यादा 5055 वोट मिले.
बाकी प्रत्याशियों की चर्चा करें, तो गुजरात के कापेड़वानी में अमानुल्लाह खान पठान को 1312, कर्जन में मुकेश भाई मणि भाई वसावा को 1233, खेद्ब्रह्मा में विपिन चंद्र गामेती को 3509, मांडवी में याकूब भाई को 1603, मंगरोल में उत्तम भाई वसावा को 984, मोदासा में ए रहीम इस्माइल भाई को 256, नांदोद में जेसंग भाई को 2329, निकोल में मोहमादिनुश मेमन को 103, पाटन में नानजी भाई पटेल को 153, पोरबंदर में गंगा भाई उदेदरा को 656, सानंद में चंद्रकांत परमार को 396, थासरा में मुख्त्यार खान पठान को 1179, वागरा में राजेश भाई आर्य को 153, बांसड़ा में अरविंद भाई पटेल को 1118, विसनगर में अनिता बेन पटेल को 183, व्यारा में रमेश भाई चौधरी को 411, बांकानेर में अहमद भाई मिराजी को 234 वोट प्राप्त हुए.
पार्टी की ओर से राष्ट्रपति महात्मा गांधी के जन्म स्थान पोरबंदर वाली सीट पर खड़े जदयू प्रत्याशी गंगा भाई को मात्र 656 वोट ही प्राप्त हो सके. यहां पर भी पार्टी अपनी जमानत नहीं बचा सकी. जदयू के लिए संतोष की बात यही है कि इसके एक प्रत्याशी को 5000 वोट मिले. झांगड़िया से छोटू भाई वसावा ने 5055 वोट हासिल किया और जदयू प्रत्याशियों में वोट प्राप्त करने के मामले में एक नंबर पर रहे. सबसे निचले स्थान पर दरियापुर विधानसभा से शेख मोहम्मद फारूक रहे जिन्हें 82 वोट ही प्राप्त हो सके. वहीं दूसरी ओर नोटा का जलवा हर जगह देखने को मिला. कुल मिलाकर देखें, तो गुजरात विधानसभा चुनाव में जदयू से बेहतर प्रदर्शन शिवसेना और सीपीआई जैसे दलों का रहा.