पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास कार्यों की अपनी समीक्षा यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण जिले के पतिलार गांव से आज करते हुए कहा कि चंपारण की धरती के प्रति उनका समर्पण हमेशा बना रहेगा. मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार ने कहा कि वे 19 जनवरी 2009 को इसी गांव में ठहरे थे. जनता से संवाद किया था. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. उन्हें पुन: आज यहां आकर आत्मसंतोष का अनुभव हो रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 19 जनवरी 2009 को जब वे यहां आये थे, उस दौरान जिन दो पुलों का शिलान्यास किया था, अब वो बनकर तैयार हैं. यहां आज पांच अनुसूचित जनजाति के आवासीय विद्यालय में से आज चार योजनाओं का उद्घाटन हुआ है तथा एक योजना का निर्माण कार्य फरवरी 2018 तक पूर्ण हो जायेगा. उन्होंने कहा कि सात निश्चय कार्य की समीक्षा करना उनका उद्देश्य है. 2009 में जिन 19 गांवों में मैं रात में ठहरा था, वह सब गांव मेरे ही गांव जैसे है. उन गांवों में जाकर आत्मसंतोष का अनुभव होता है. आज दो गांव पश्चिम चंपारण तथा कल दो गांव पूर्वी चंपारण के भ्रमण के बाद कल शाम में मोतिहारी में सभी पदाधिकारियों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा करूंगा.
सीएम नीतीश ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने पर कई महत्वपूर्ण निर्णय किये हैं. महिलाओं की आवाज पर ही हमने शराबबंदी का निर्णय लिया और उसे पूरी दृढ़ता के साथ लागू किया है. उन्होंने कहा कि गांधी जी ने कहा था कि धरती आपकी जरूरतों को पूरा सकती है, लेकिन आपके लालच की पूर्ति नहीं कर सकती है. लोक संवाद में होने वाले कार्यक्रम में ही एक महिला के सुझाव पर ही दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ सशक्त अभियान सरकार के द्वारा चलाया गया है.
नीतीश कुमार ने कहा कि सामाजिक अभियान के साथ-साथ सड़क, पुल इत्यादि सब चीज का विकास हो रहा है. उन्होंने कहा कि नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. हर घर तक नल का जल, पक्की गली-नाली, इस वर्ष के अंत तक हर बसावट तक बिजली एवं अगले वर्ष के अंत तक हर घर को बिजली कनेक्शन दे दिया जायेगा.
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