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बिहार : वेंटिलेटर के नाम पर चल रहा रेफर का धंधा, मरीजों को लूट रहे प्राइवेट अस्पताल

इलाज का खेल. सरकारी डॉक्टर व नर्सों की मिलीभगत से मरीजों को लूट रहे प्राइवेट अस्पताल पटना : राजधानी के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर के कमी का फायदा उठाकर प्राइवेट अस्पताल मोटी कमाई करने में लग गये हैं. पीएमसीएच आईजीआईएमएस व गार्डिनर रोड जैसे सरकारी अस्पतालों में हर दिन हजारों की संख्या में मरीज आते […]

इलाज का खेल. सरकारी डॉक्टर व नर्सों की मिलीभगत से मरीजों को लूट रहे प्राइवेट अस्पताल
पटना : राजधानी के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर के कमी का फायदा उठाकर प्राइवेट अस्पताल मोटी कमाई करने में लग गये हैं. पीएमसीएच आईजीआईएमएस व गार्डिनर रोड जैसे सरकारी अस्पतालों में हर दिन हजारों की संख्या में मरीज आते हैं. इसमें काफी संख्या में मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है. सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या कम होने के कारण डॉक्टर मरीज को प्राइवेट अस्पताल ले जाने की सलाह देते हैं. अस्पताल परिसर में घूम रहे प्राइवेट अस्पताल के दलाल ऐसे मरीज के परिजनों को झांसा देकर निजी अस्पताल ले जाते हैं.
इस तरह से होता है सारा खेल
पिछले महीने दुर्घटना में घायल मनोज कुमार को जब पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया तो डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर वेटिंग की बात कही. इमरजेंसी वार्ड में घूम रहे एक कर्मचारी ने बाइपास एरिया में एक निजी अस्पताल में जाने की सलाह दे दी. वहीं राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक के बाहर खड़े बाइपास एरिया के एक अस्पताल के एक दलाल ने मरीज के परिजनों को अपने झांसे में ले लिया और उसे वहां अपने इमरजेंसी ट्रॉमा अस्पताल नाम से ही चल रहे अस्पताल में भर्ती करा दिया. जहां मरीज को अधिक दाम चुकाने पड़े. यह स्थिति सिर्फ मनोज के साथ ही नहीं, बल्कि अधिकांश मरीजों के साथ है.
वेंटिलेटर की कमी, बाइपास में जाते हैं मरीज : पीएमसीएच व आईजीआईएमएस गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को डॉक्टर वेंटिलेटर पर जाने की सलाह देते हैं, लेकिन अस्पताल में वेंटिलेटर की वेटिंग होने के कारण कई डॉक्टर मरीज को सीधे न्यू बाइपास एरिया में संचालित हो रहे प्राइवेट अस्पताल भेज देते हैं. यह सारा खेल डॉक्टरों और दलालों की मिलीभगत से हो रहा है. इसके एवज में निजी अस्पताल मोटी कमाई कर रहे हैं. इस तरह का खेल इन दोनों अस्पताल में रोजाना हो रहा है.
कहां कितना रुपया आता है खर्च
पीएमसीएच व गार्डिनर रोड अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क है. आईजीआईएमएस में मरीज से वेंटिलेटर के एक दिन के एक हजार से 1500 सौ रुपये लिए जाते हैं, जबकि बीपीएल कार्ड वालों से आईजीअाईएमएस में कोई पैसा नहीं लिया जाता है. वहीं प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर के पांच हजार से छह हजार तक एक दिन के वसूले जाते हैं.
सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी का प्राइवेट अस्पताल खूब फायदा उठा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पीएमसीएच के अलावा छोटे अस्पतालों में वेंटिलेटर बढ़ाने का प्रस्ताव पास हो चुका है, जल्द ही सभी जगहों पर वेंटिलेटर की कमियां खत्म हो जायेंगी.

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