पटना : बहुत पहले से नोटबंदी का समर्थन करते आ रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर कई पार्टियों से बड़े सवाल पूछे हैं. नीतीश कुमार ने वैसी पार्टियों की मंशा पर भी सवाल उठाया है, जो नोटबंदी और जीएसटी का विरोध कर रहे हैं. लोक संवाद केंद्र में लोगों से राय लेने के बाद मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार ने इससे जुड़े कई सवाल किये.
– नीतीश कुमार ने नोटबंदी तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की विपक्ष की आलोचना के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था का प्रस्ताव तो पूर्ववर्ती कांग्रेसनीत सरकार ने ही लाया था.
– उन्होंने नोटबंदी को भी काला धन के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम बताया.
– कुमार ने कहा कि मैं जीएसटी की अचानक होने लगी आलोचना का औचित्य नहीं समझ पाता. इस मामले में हमारा पक्ष हमेशा स्पष्ट रहा है.
-उन्होंने कहा कि हमने नई कर व्यवस्था का समर्थन तब भी किया था जब हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा नहीं थे.
– कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, हालांकि राजग सरकार द्वारा लायी गयी नयी कर व्यवस्था में जिन्हें अचानक खामियां दिखने लगी हैं ?
-नीतीश ने कहा कि जीएसटी का पहला प्रस्ताव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने ही दिया था.
-उन्होंने कहा कि कुमार ने नोटबंदी की पहली सालगिरह पर आठ नवंबर को विभिन्न दलों द्वारा नियोजित विरोध प्रदर्शनों को खारिज करते हुए कहा, यह कठोर निर्णय था, पर काला धन रोकने के लिए जरुरी था.
-उन्होंने यह भी कहा कि मुझे आश्चर्य होता है विरोध कर रही पार्टियां लोगों को क्या संदेश देना चाहती हैं.
-देश में काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ा प्रहार नोटबंदी है और यह बात बाकी एजेंसियां भी स्वीकार कर रही हैं, आखिर इसमें कई पार्टियों को परेशान होने की क्या जरूरत है.
-यूपीए के कार्यकाल में जीएसटी आया और आज भी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री जीएसटी का समर्थन करते हैं, तो फिर कांग्रेस द्वारा विरोध क्यों.
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