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बिहार : दहेज व बाल विवाह विरोधी मुहिम में शामिल हों : नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री ने पूर्व सीएम मांझी के गांव में कई योजनाओं का किया उद्घाटन, की अपील रोशन कुमार महकार (गया) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से अपील की कि वे दहेज और बाल विवाह उन्मूलन के मसले पर राज्य सरकार का जोरदार समर्थन करें.सीएम ने कहा कि शराबबंदी के समर्थन में दो करोड़ लोगों ने […]

मुख्यमंत्री ने पूर्व सीएम मांझी के गांव में कई योजनाओं का किया उद्घाटन, की अपील
रोशन कुमार
महकार (गया) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से अपील की कि वे दहेज और बाल विवाह उन्मूलन के मसले पर राज्य सरकार का जोरदार समर्थन करें.सीएम ने कहा कि शराबबंदी के समर्थन में दो करोड़ लोगों ने मानव शृंखला में भाग लिया था तो दहेज व बाल विवाह के खिलाफ 21 जनवरी, 2018 को प्रस्तावित मानव शृंखला में चार करोड़ लोगों को शामिल होना चाहिए.
वह बुधवार को पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के गांव महकार में एक आइटीआइ भवन, प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय, सामुदायिक भवन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व एक तालाब का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने यहां एक पावर सब स्टेशन बनाये जाने का भी आश्वासन दिया और लगे हाथ यह भी कहा कि जब राज्य में नये प्रखंड बनाने का मामला सामने आयेगा, तो महकार पर भी विचार होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला अत्याचार के मामले में बिहार देश में 26वें पायदान पर खड़ा राज्य है, पर दहेज हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे ही नंबर पर आता है. इसे देख कर ही उन्होंने दहेज प्रथा व बाल-विवाह जैसी कुरीतियों पर प्रहार कर नये सामाजिक परिवर्तनों की नींव रखने की बात सोची. मुख्यमंत्री ने चिंता जताते हुए कहा कि आज भी यहां जो शादियां होती हैं, उनमें 39% मामले बाल-विवाह से जुड़े होते हैं. सामाजिक समस्याओं के साथ-साथ मुख्यमंत्री श्री कुमार ने बाल-विवाह से महिलाओं व बच्चों को होनेवाली शारीरिक कठिनाइयों की ओर भी लोगों का ध्यान खींचा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राजनीति में तरह-तरह के विवाद में सब शामिल हो जा रहे हैं. राजनीतिक रूप से लोग सजग भी हैं, लेकिन सामाजिक कुरीतियों पर लोग चुप हैं. कोई कुछ नहीं बोलता. यह ठीक नहीं है. अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने आरा के उस रिटार्यड शिक्षक से आज खुद बात कर उन्हें बधाई देने की जानकारी दी, जिनके परिवार ने बेटे की शादी में दहेज नहीं लेने के फैसले की सूचना देकर वधू पक्ष को चौंका दिया था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल कल-कारखाने लगा देने भर से कहीं विकास नहीं हो सकता. विकास तब होगा, जब हर दृष्टि से संपन्नता का लाभ समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी मिले. सबसेपीछे छूट चुके लोगों की जिंदगी में बेहतरी दिखे, तभी विकास सार्थक कहला सकता है. इस बारे में गांधी जी की समझ भी ऐसी ही थी.
कृषि को सरकार दे रही खास प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में कृषि को खास तव्वजो दे रही है. सूबे की 76% आबादी कृषि पर ही निर्भर करती है. इस स्थिति को देखते हुए पांच वर्ष का एक कृषि रोड मैप तैयार किया गया है. इसके कार्यान्वयन के शुभारंभ के लिए राष्ट्रपति महोदय से अनुरोध किया गया है, जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है.
पूर्व सीएम ने रखीं कई मांगें
मुख्यमंत्री के सामने अपने संबोधन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री श्री मांझी ने कई मांगें भी रखीं. जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मांगें पहले ही उनके सामने आनी चाहिए थीं. अगर ऐसा हुआ होता, तो अब तक इन पर काफी काम हो भी गया होता.
मांझी ने पुलिस-प्रशासन को दी सलाह
मांझी ने पुलिस-प्रशासन को सचेत रहने की नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि पुलिस अफसरों को काफी सावधान रहना होगा. जो लोग सत्ता से बाहर हुए हैं, वे नाराज हैं. वे गड़बड़ी करा सकते हैं. उनकी करतूतें पुलिस-प्रशासन पर भारी पड़ सकती हैं.
दो दिन पहले ही गया के गुरारू इलाके में एक पावर सब स्टेशन निर्माण के काम से जुड़े एक ठेकेदार की हत्या का मामला उठाते हुए उन्होंने गया एसएसपी को संबोधित अपनी टिप्पणी में पुलिस के कामकाजी रवैये पर सवाल भी उठाया और मामले की ठीक से जांच करने का परामर्श भी दिया.
कार्यक्रम में कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा व श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद थे.
मांझी के घर भी गये मुख्यमंत्री
कभी राजनीतिक कड़वाहट के चलते लंबे समय तक चर्चा के केंद्र में रह चुके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अाज एक बार फिर से अलग अंदाज में दिखे. पूर्व मुख्यमंत्री श्री मांझी के गांव महकार की कई परियोजनाओं के उद्घाटन-लोकार्पण के लिए यहां पहुंचे मुख्यमंत्री श्री मांझी के घर भी गये. वहां चाय-नाश्ता करने के साथ ही उनके परिजनों से मिले, उनके अभिवादन स्वीकारे और उनके साथ फोटो भी खिंचवाये.

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