हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कह दिया है कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान विशेष राज्य का दर्जा का मसला केंद्र में नहीं होगा, पर अरसे बाद दिल्ली और पटना में एक ही धारा की सरकार होने से बिहार के लोगों को उम्मीद जगी है कि उसके साथ अब भेदभाव नहीं होगा. पटना विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा मिलने की बिहार की पुरानी मांग रही है. इसके अलावा राज्य की कई लंबित याेजनाओं को लेकर भी बिहार की उम्मीद भरी नजरें प्रधानमंत्री की ओर टिकी हैं.
बाढ़ से हुई क्षति की भरपायी के लिए राज्य सरकार ने 7636 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है. राज्य को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अपने दौरे में इस संबंध में भी गौर करेंगे. 2015 के अगस्त महीने में आरा की एक सभा में उन्होंने पटना से बक्सर तक जाने वाली चार लेन की सड़क का शिलान्यास किया था. इसी दौरान उसी मंच से उन्हाेंने राज्य के विकास के लिए सवा लाख करोड़ रुपये की विशेष पैकेज की भी घाेषणा की थी.
राज्य के लिए यह सुखद है कि राज्य में नीतीश कुमार की सरकार काम कर रही है जिसने कई ऐतिहासिक कार्य किये हैं. वहीं विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने प्रधानमंत्री के नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक के फैसले की सराहना की थी. इस बार की सरकार में भी नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की जोड़ी काम कर रही है. केंद्र के समक्ष बिहार को मदद नहीं करने को लेकर अब कोई आधार भी नहीं है. प्रधानमंत्री ने खुद भी माना है कि बिहार उनके फोकस में है. 27, अक्तूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान में भाषण के दौरान बम विस्फोट से दस लोगों की जानें गयी थीं. सुरक्षा एजेंसियों ने किसी घटना की आशंका जतायी थी. लेकिन, पीएम ने गांधी मैदान में सभा को संबोधित किया था. बाद में वे इस हादसे में मारे गये सभी लोगों के परिजनों को सांत्वना देने भी गये थे.