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बिहार में वर्दी लाल कर रहे अपराधी : 17 साल में 14 पुलिसकर्मी उतार दिये गये मौत के घाट
विजय सिंह पटना : बिहार में साजिश, हमला और हत्या से वर्दी लाल हो रही है. कभी अपराधी टारगेट कर रहे हैं, तो कभी भीड़ का गुस्सा इनकी जिंदगी पर भारी पड़ जा रहा है. बड़े अपराधी शार्प शूटरों के जरिये पुलिसवालों को इस तरह से निबटा दे रहे हैं कि पुलिस के धाकड़ आला […]
विजय सिंह
पटना : बिहार में साजिश, हमला और हत्या से वर्दी लाल हो रही है. कभी अपराधी टारगेट कर रहे हैं, तो कभी भीड़ का गुस्सा इनकी जिंदगी पर भारी पड़ जा रहा है.
बड़े अपराधी शार्प शूटरों के जरिये पुलिसवालों को इस तरह से निबटा दे रहे हैं कि पुलिस के धाकड़ आला अधिकारी भी केस को डिटेक्ट नहीं कर पा रहे हैं. अपराधी थाना स्तर के पुलिसकर्मियों को टारगेट करके ढेर कर और सबूत मिटा कर डिटेक्शन के लिए पुलिस के अधिकारियों को सिर दर्द दे रहे हैं. तेल्हड़ा और फतुहा में दो दारोगाओं की हत्या भी कुछ यही कहानी कहती है. पुलिस के लाख खाक छानने के बाद भी वर्दी पर खून की छींटे डालनेवाले शूटर नहीं पकड़े गये. लूटी गयी पिस्टल और मैगजीन भी बरामद नहीं हुई.
बड़ा सवाल?
आखिर किसके भरोसे मुस्तैद रहें पुलिसकर्मी
जिस तरह से पुलिसवालों को अपराधी टारगेट कर रहे हैं और पुलिस उनके नेटवर्क को भेद नहीं पा रही है, इससे बड़ा सवाल खड़ा होता है. जब महकमा ही उनके लिए कुछ नहीं कर पा रहा है, तो वे किसके दम पर मुस्तैदी दिखाएं. आला अधिकारी अपराधियों का मुंहतोड़ जवाब नहीं दे पा रहे हैं. खास कर पुलिसवालों पर हमला और हत्या मामले में.
जब गोली का शिकार हुए, पर जान बच गयी
– वर्ष 2015 में अपराधियों ने पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र में फुलवारी एएसपी राकेश कुमार पर फायरिंग की थी. जिसमें वे और उनके बॉडीगार्ड घायल हो गये थे.
– 16 मार्च, 2016 को बिंद थाना क्षेत्र के मदनचक गांव के समीप रिटायर्ड दारोगा भुवनेश्वर सिंह को गोली मारी गयी. अपराधी उनकी रिवॉल्वर व कारतूस ले भागे थे.
हत्या के चर्चित मामले
– वर्ष 2001 में मोकामा के दारोगा महेंद्र सिंह की मौत गोलीबारी में हो गयी थी.
– वर्ष 2004 में मोकामा के नदवां गांव में अपराधियों की गोलीबारी में एसटीएफ कमांडो रघुवंश सिंह को गोली लगी थी और उनकी मौत हो गयी थी.
– 2006 में अक्तूबर माह में मोकामा में अपराधी नागा सिंह गिरोह से मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में एएसआइ साकेत बिहारी व हवलदार गंगाधर झा को गोली लगी थी और उनकी मौत हो गयी थी.
पिछले तीन वर्षों में
इन पुलिसकर्मियों की हो चुकी है हत्या
18 अप्रैल, 2016 सुरेश ठाकुर, रिटायर्ड दारोगा
25 सितंबर, 2016 रामराज चौधरी, एएसआइ, तेल्हड़ा थाना
30 जनवरी, 2016 भवेश सिंह, जमादार, मुंगेर, धरहरा
09 जनवरी, 2016 अशोक यादव, एएसआइ, वैशाली थाना
18 नवंबर, 2015 अजीत कुमार, ओपी प्रभारी पटेढ़ी, बेलसर
15 नवंबर, 2015 विजय कुमार, ट्रैफिक जमादार, दरभंगा
18 सितंबर, 2015 अवधेश कुमार, थानाध्यक्ष, नगरनौसा, नालंदा
14 जुलाई, 2015 प्रवीण कुमार, थानाध्यक्ष, भरगामा, अररिया
31 दिसंबर,2014 अनिल कुमार, थानाध्यक्ष, जुड़ावनपुर, वैशाली
22 दिसंबर,2014 संजय तिवारी, थानाध्यक्ष, इसुआपुर, छपरा
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