10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार में प्रदूषण : सिर्फ जुलाई में थी पटना की हवा सांस लेने लायक, बाकि समय यह थी हालत…

कार्बन उत्सर्जन में भी पटना बिहार की राजधानी रविशंकर उपाध्याय पटना : पटना प्रदूषण में भी बिहार की राजधानी है. यहां प्रदेश में सबसे ज्यादा कार्बन का उत्सर्जन होता है और यही वजह है कि यहां की हवा सांस लेने के लायक नहीं है. हवा में कार्बन डाइ आक्साइड, क्लोरो फ्लोरो कार्बन और नाइट्रस आॅक्साइड […]

कार्बन उत्सर्जन में भी पटना बिहार की राजधानी
रविशंकर उपाध्याय
पटना : पटना प्रदूषण में भी बिहार की राजधानी है. यहां प्रदेश में सबसे ज्यादा कार्बन का उत्सर्जन होता है और यही वजह है कि यहां की हवा सांस लेने के लायक नहीं है. हवा में कार्बन डाइ आक्साइड, क्लोरो फ्लोरो कार्बन और नाइट्रस आॅक्साइड इस तरह घुले हुए हैं कि हमें इस साल केवल जुलाई महीने में सांस लेने लायक हवा मिल सकी है.
एयर क्वालिटी के मानकों के मुताबिक, हवा में पार्टिकुलेटेड मैटर 2.5 की मात्रा 60 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर होनी चाहिए. इस मानक के अनुसार, इस साल जनवरी सबसे ज्यादा प्रदूषित महीना रहा. जनवरी में यह 205 की सीमा को पार कर गयी. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और सेंटर फॉर इन्वायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट के मुताबिक, हवा की खराब गुणवत्ता के मामले में पटना प्रदेश में पहले पायदान पर है. गया और मुजफ्फरपुर से भी ज्यादा यहां की हवा प्रदूषित है. साथ ही देश के 20 शीर्ष शहरों में पटना का स्थान 12वां है. पटना में पीएम 2.5 का औसत तय राष्ट्रीय मानक से चार गुना और पीएम 10 का औसत तीन गुना अधिक है.
गा़ड़ियों के धुएं से बढ़ रहा वायु प्रदूषण
जनवरी से जून तक पटना के हवा की गुणवत्ता काफी खराब पायी गयी. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और सेंटर फॉर इंवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट द्वारा आंकड़ों के विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है कि केवल जुलाई ऐसा रहा, जब पटना की हवा सांस लेने लायक थी.इस दौरान कभी भी यह आंकड़ा 80 से 206 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर से कम नहीं था. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्ययन कहता है कि पटना की हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5 और पीएम 10) की मात्रा तय मानक से ज्यादा है. इसका कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ, धुल और ईंट भट्टा है.
क्या होता है प्रभाव?
दमा, कैंसर के मरीजों की बढ़ रही है संख्या
टीबी एवं चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि हवा की खराब गुणवत्ता का असर पटना में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. इसके कारण दमा और कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
पीएम 10 यानी रिसपाइरेबल पार्टिकुलेट मैटर का आकार 10 माइक्रो मीटर से कम होता है. इन्हें रिसपाइरेबल डस्ट सैंपलर से मापा जाता है. शरीर के अंदर पहुंच कर पीएम 10 कई बीमारियों का कारण बनते हैं. वहीं पीएम 2.5 का आकार 2.5 माइक्रो मीटर से कम होता है. इन्हें एंबियंट फाइन डस्ट सैंपलर से मापते हैं. ये आसानी ने सांस के साथ शरीर के अंदर जाकर गले में खरास, फेफड़ों को नुकसान, जकड़न पैदा करते हैं.
सबसे ज्यादा किन चीजों से प्रदूषण
पैसेंजर को भा रहा सस्ता फेयर, विमान कंपनियों को लुभा रहा पटना
अनुपम कुमार
पटना : पटना एयरपोर्ट से वित्तीय वर्ष 2016-17 में 21,12,150 यात्रियों ने यात्राएं कीं. 2015-16 में यह संख्या केवल 15,84,013 थी. एक वर्ष के भीतर यहां यात्रियों की संख्या मेंं 33 फीसदी का इजाफा हुआ है. यहां से हर दिन विभिन्न शहरों के लिए 31 फ्लाइटें उड़ान भर रही हैं. प्रदेश में विमान यात्रा अब केवल धनाढ्य और अभिजात्य वर्ग के लिए नहीं रहा, बल्कि मध्यम वर्ग भी बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल करने लगे हैं.
विमान कंपनियां एक से बढ़ कर एक आकर्षक ऑफर दे रही हैं, जिनका लाभ उठाने में पटनावासी भी पीछे नहीं हैं. यात्रियों की वृद्धि दर की दृष्टि से देश के विभिन्न राज्यों की राजधानी में स्थित 28 बड़े एयरपोर्ट में अब पटना का स्थान 5वां हो गया है और पटना एयरपोर्ट देश के सबसे तेजी से उभरते एयरपोर्ट में एक बन गया है.
11 फीसदी बढ़ी फ्लाइटों की संख्या : 2016-17 में पटना एयरपोर्ट से 15,508 बार विमानों ने उड़ान भरी. 2015-16 में यह संख्या 13,947 थी और यात्रियों की संख्या में 11 फीसदी की सलाना वृद्धि हुई. 2016-17 में यह दर 26 फीसदी थी, जो देश के कई बड़े एयरपोर्ट के सालाना फ्लाइट वृद्धि दर से अधिक है.
12 साल में आयीं 4 नयी कंपनियां
यात्रियों की तेजी से बढ़ती संख्या विमान कंपनियों को
इतना अधिक आकर्षित कर रही है कि बीते 12 साल में
यहां से चार नयी विमान कंपनियों ने अपनी सेवा शुरू की है. पहले जेट एयरवेज आया. उसके बाद इंडिगो और गो एयर आया. स्पाइस जेट भी यात्रियों की भारी भीड़ का लोभ छोड़ नहीं पायी और उसका फायदा लेने इसी साल एक जुलाई से अपनी सेवा शुरू की है.
जाड़ा सत्र: 12 अतिरिक्त उड़ान
24 अगस्त से एयर इंडिया की सब्सिडरी कंपनी एलायंस एयर की उड़ान भी पटना से शुरू होने वाली है. विस्तारा और एयर एशिया जैसी बड़ी विमान कंपनियों के भी यहां जल्द आने की चर्चा है. 29 अक्तूबर से शुरू हो रहे जाड़ा सत्र (तीन-चार महीने) के दौरान यहां 12 अतिरिक्त उड़ान भी शुरू होने जा रहा है.
प्राइस वार से सस्ता हुआ किराया
सेवा प्रदाता कंपनियों की संख्या में वृद्धि के साथ ही यात्रियों को लुभाने की होड़ शुरू हुई है, िजससे सस्ते टिकट का ऑफर दिया जा रहा है. एलायंस एयर ने पटना से लखनऊ के लिए 1800 और भोपाल के लिए 2200 का आरंभिक किराया तय किया है, जबकि स्पाइस जेट हैदराबाद के लिए चार हजार से भी कम ले रही है. ट्रेन के एसी टू और विमानों के आरंभिक किराये में बहुत अंतर नहीं रह गया है, िजससे ट्रेन के यात्री प्लेन से चल रहे हैं.
परेशानी से बचने के लिए
बिहार में राेजगार के अवसर कम होने से लोग काम के सिलसिले में देश के विभिन्न हिस्सों में आते-जाते हैं. रिजर्वेशन िमलने में परेशानी व ट्रेन के लेटलतीफी से होने वाली असुविधा से बचने के लिए कई लोग थोड़ा अधिक खर्च कर ट्रेन की बजाय प्लेन से ही आना-जाना पसंद कर रहे हैं.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel