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‘नीतीश कुमार घोटाले में होते तो सीबीआइ जांच की नहीं करते अनुशंसा’
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद घोटाले की बात करते हैं तो अच्छा नहीं लगता है. सृजन घोटाले में नीतीश कुमार शामिल होते तो कभी सीबीआइ की अनुशंसा नहीं करते. अब इस मामले को सीबीआइ देख रही है. लालू प्रसाद ने ही तो मांग की थी […]
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद घोटाले की बात करते हैं तो अच्छा नहीं लगता है. सृजन घोटाले में नीतीश कुमार शामिल होते तो कभी सीबीआइ की अनुशंसा नहीं करते.
अब इस मामले को सीबीआइ देख रही है. लालू प्रसाद ने ही तो मांग की थी कि सृजन वित्तीय अनियमितता का मामला सीबीआइ देखें. इसलिए नीतीश कुमार ने तुरंत ही इस पूरे मामले को सीबीआइ को सौंपने का फैसला लिया है. अब सृजन वित्तीय अनियमितता का पूरा मामला सीबीआइ देखेगी.और दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा.
आपको इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है. इस पूरे मामले में सरकार काफी गंभीर है और काफी गंभीरता से इस पूरे मामले को सरकार देख रही है. उन्होंने कहा कि सृजन वित्तीय अनियमितता 2001-02 से चल रहा है.
उस समय बिहार की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी थी. क्या ये उनकी जिम्मेदारी नहीं थी कि इसकी जांच हो? अब्दुल बारी सिद्दीकी, आलोक मेहता ये मंत्री थे फिर इन लोगों को यह मामला कैसे नहीं पता चला? लालू प्रसाद के चहेते डीएम वीरेंद्र कुमार यादव भागलपुर में थे उस समय से यह मामला लगातार चल रहा है. सीबीआइ जांच करेगी तो कई चेहरे बाहर आयेंगे. संजय सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद की बेटी पर आपराधिक मामले दर्ज क्यों हुए? सीबीआइ ने तेजस्वी प्रसाद यादव पर केस क्यों किया? लालू प्रसाद किसके खिलाफ आंदोलन करेंगे?
पहले तो अपने आप के खिलाफ आंदोलन करें कि उन्होंने किस तरह से अकूत संपत्ति इकट्ठा की है, फिर वह अपनी बेटी मीसा भारती के खिलाफ आंदोलन करें कि उनकी बेटी ने कितनी संपत्ति कहां से अर्जित कर ली है. साथ ही अपने बेटे के खिलाफ भी आंदोलन करें क्योंकि सीबीआइ ने उनके बेटे पर भी एफआइआर किया है.
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