बिहार की नीतीश सरकार (Nitish Government) रोड कनेक्टिविटी पर खासा जोर दे रही है. इसको देखते हुए राज्य के सात जिलों (सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया) के लोगों को कम समय में पटना (Patna) आने के लिए नए एक्सप्रेस-वे (New Express Way) का तोहफा देने की प्लानिंग है. इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर बिहार सरकार का पथ निर्माण विभाग विचार कर रहा है. केंद्र के सहयोग से इस प्रोजेक्ट को हकीकत में बदला जाएगा. एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद पटना आना-जाना आसान हो जाएगा. वहीं, बाढ़ की स्थिति में तुरंत मदद भी पहुंचाई जा सकेगी.
कहां से कहां तक बनेगी नई फोरलेन सड़क
कोसी और पूर्णिया प्रमंडल को राजधानी पटना से सीधा कनेक्ट करने के लिए नई फोरलेन सड़क बनाई जाएगी. सड़क की शुरुआत वैशाली के विधुपुर से शुरू होकर पूर्णिया में समाप्त होगी. पथ निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर काम करने की खबर भी सामने आई है. इस ड्रीम प्रोजेक्ट का निर्माण केंद्र सरकार के सहयोग से किया जाएगा. बताते चलें भारत माला प्रोजेक्ट के तहत गया के जीटी रोड से पूर्वी-पश्चिमी कॉरिडोर को जोड़ने के लिए बिहार का पहला एक्सप्रेस-वे आमस-दरभंगा का निर्माण हो रहा है. इसका विस्तार जयनगर तक किया जाना है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) सड़क का निर्माण कर रही है. अभी प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण भी किया जा रहा है.
इन जिलों के लोगों को एक्सप्रेस-वे का गिफ्ट
विभाग के मुताबिक नई सड़क के निर्माण से भी कोसी और पूर्णिया प्रमंडल के लोगों को पटना आने में ज्यादा वक्त लगेगा. लिहाजा विधुपुर से समस्तीपुर के दलसिंहसराय, सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर और उदाकिशुनगंज से पूर्णिया तक सड़क बनाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. सड़क बनने से सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया को लाभ मिलेगा. इन जिलों के लोग कम वक्त में पटना आ सकेंगे. वहीं, वैशाली, समस्तीपुर, पटना के लोग भी इन सात जिलों में आसानी से आना-जाना कर सकेंगे. बाढ़ के हालात से निपटने के लिए इस सड़क की अहम भूमिका भी होगी.