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हरदिया डैम से भानेखाप गांव तक जाने वाली सड़क के निर्माण में बरती गयी अनियमितता

पांच साल तक रख-रखाव का कार्य सिर्फ कागजों पर

रजौली. प्रखंड क्षेत्र की हरदिया पंचायत में प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना में काफी अनियमितता बरती गयी है. इसको लेकर ग्राम वासियों में काफी नाराजगी व्याप्त हैं. लोगों की मानें तो फुलवरिया जलाशय से भानेखाप गांव तक करीब 8.519 किलोमीटर का कार्य संवेदक अंबुज शर्मा के वर्ष 5.04.2018 ने शुरू किया गया था. इस कार्य अवधि को 04 अप्रैल 2019 तक समाप्त कर देना था. लेकिन रास्ते में वन विभाग की जमीन होने के कारण एनओसी लेने में काफी समय लग गया था. इस कारण 2019 में कार्य को गति प्रदान किया जा सका था. इसके अलावा संवेदक की मनमानी के कारण कुछ दिन करना व कुछ दिन बाद छोड़ देने के कारण कार्य समाप्त होने में काफी वर्ष लग गए हैं. संवेदक की मनमानी से कार्य धरातल पर 2022 के अंतिम वर्षों में समाप्त हुआ है. हरदिया के ग्रामीण सुनील राजवंशी, सुरेन्द्र सिंह, किशोरी राजवंशी, प्रदीप साव, दिनेश साव, अबधेश सिंह आदि लोगों ने कहा कि सिर्फ इतना हीं नहीं कार्य योजना में प्रयुक्त सामाग्री में काफी अनियमितता बरती गयी थी. ग्रामीणों का कहना है कि जिस जगह पर पत्थर का प्रयोग होना चाहिए वहां पर उजले रंग के अभ्रक युक्त पत्थर का प्रयोग किया गया था. लोगों ने बताया कि सड़क निर्माण के दौरान मोरम युक्त पत्थर डाल कर रोड रोलर मशीन चलाये जाने का निर्देश प्राप्त था. बावजूद संवेदक के द्वारा जंगल क्षेत्र के हीं लाल मिट्टी डालकर ढक दिया गया है. इस रोड में छोटे बड़े करीब सात पुल पुलिया का निर्माण किया गया है. इसमें भी संवेदक तीन नंबर की इंट के प्रयोग तथा पत्थर युक्त मोरम की जगह पर मिट्टी युक्त बालू से पुलिया के किनारों को भर दिये गये हैं. ऐसा करने से एक बरसात तो यह सड़क काट लिया है. लेकिन दूसरे बरसात में सिर्फ कागजों पर हीं पूर्ण हुआ कार्य रह जायेगें. जबकि इस सड़क से लाभ प्राप्त करने वाले हरदिया पंचायत के भाने खाप, मरमो, सुअरलेटी, कुंभियातरी, रनिवास, सिंगर आदि गांव के लोगों ने कहा कि कार्य कराने वाले संवेदक मनमानी कर चले गये हैं. कई दशकों के बाद सड़क मार्ग का लाभ हमलोगों को मिला है. लेकिन संवेदक की मनमानी व अधिकारियों की अंधेखी के कारण रख-रखाव का कार्य सिर्फ बनने तक हीं चर्चा में एवं बोर्ड पर अंकित है. धरातल पर कोई देखने के लिए नहीं आते हैं. इससे डैम किनारे बनी सड़क मार्ग पर बरसात के दिनों में चलने का लाभ प्राप्त कर पायेंगे या फिर सिर्फ उबड़-खाबड़ रास्ते हीं नसीब होंगे, यह कहना मुश्किल हीं नहीं नामुमकिन है. क्योंकि कार्य समाप्ति के एक वर्ष बाद हीं मार्ग की गयी ढलाई टूटने लगी है. साथ हीं काली की गयी सड़के भी जहां तहां धसकर गढ्ढे में तब्दील हो गयी है. कार्यस्थल पर बोर्ड तो लगाया गया है लेकिन कार्य की प्राक्कलन राशि अंकित नहीं कराया गया है. इतना ही नहीं बोर्ड पर कार्य अनुरक्षण की प्रारंभ तिथि एवं अणुरंक्षण की समाप्ति की तिथी अंकित नहीं किया गया है.जिससे साफ पता चलता है कि सड़क निर्माण में कितना घालमेल किया गया है. क्या कहते हैं अधिकारी: पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ई.अरबिंद कुमार ने बताया कार्य योजना की विस्तृत जानकारी हमें नहीं है. इसके लिए कनींय अभियंता गौरव कुमार को निर्देशित कर रहें हैं. उनके द्वारा जांच रिपोर्ट देने के बाद संवेदक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखा जायेगा.

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