लगातार हो रही अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर प्रयास तेज फसलों के अवशेष को खेतों में नहीं जलाने की अपील फोटो कैप्शन- बैठक करते सदस्य. प्रतिनिधि, नवादा कार्यालय फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अंतर्विभागीय कार्य समूह की बैठक डीएम रवि प्रकाश की अध्यक्षता में की गयी. सोमवार को समाहरणालय सभाकक्ष में हुए बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी संतोष कुमार सुमन ने डीएम को बताया कि फसलों के अवशेष को खेतों में नहीं जलाने तथा इससे होने वाले नुकसान को लेकर किसानों एवं आमजन को जागरूक किया जा रहा है. लोगों को जागरूक करने के लिए और प्रभावी कदम उठाने की बात की गयी. विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने फसल अवशेषों के प्रभावी प्रबंधन के लिए विचार-विमर्श कर, संबंधित योजनाओं पर चर्चा की. डीएम ने फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न प्रदूषण और पर्यावरणीय दुष्प्रभावों पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने किसानों को जागरूक करने तथा फसल अवशेषों के निस्तारण हेतु प्रभावी उपाय लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया. डीएम ने डीपीआरओ कार्यालय को फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु होर्डिंग, फ्लैक्स के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराने को कहा. पर्याप्त संख्या में पंपलेट छपवाकर शिक्षा विभाग के माध्यम से सभी विद्यालयों में चेतना सत्र के दौरान जानकारी देकर विद्यार्थियों के बीच जागरूक करने को कहा. स्कूलों में फसल अवशेष नहीं जलाने के विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला आदि कार्यक्रमों का आयोजन करने को कहा गया. जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा वर्ष 2024-25 में अब तक कुल 60 फायर प्वाइंट प्राप्त हुए हैं, जिनकी जांच कृषि समन्वयकों द्वारा की गयी है. साथ ही, डीबीटी पोर्टल पर 3 वर्षों के लिए 46 किसानों का पंजीकरण रद्द किया गया है. बैठक में कृषि, पर्यावरण, जिला परिषद, तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने अपनी-अपनी योजनाओं व कार्यों की जानकारी दी और फसल अवशेषों को जलाने के स्थान पर उनके उपयोग हेतु जैविक खाद निर्माण, पुआल समतलीकरण तथा अन्य पर्यावरणीय तकनीकों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया. डीएम ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे आपसी समन्वय से एक प्रभावी कार्य योजना तैयार करें तथा किसानों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान दें, ताकि फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन से ना केवल पर्यावरण की रक्षा हो सके, बल्कि कृषि भूमि की उर्वरकता भी बनी रहे. उन्होंने कहा कि जिले में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर यह एक सकारात्मक कदम है, जिससे ना केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि किसानों को तकनीकी सहयोग व नए उपायों के माध्यम से आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा. खर आजाद, निदेशक डीआरडीए धीरज कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी नवीन कुमार पाण्डेय, जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश चौधरी, जिला पशुपालन पदाधिकारी दीपक कुमार कुशवाहा, जिला कृषि पदाधिकारी संतोष कुमार सुमन सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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