अकबरपुर. जिले की तेयार पंचायत स्थित कोयरीबिगहा ग्राम में अयोध्या से पधारे पीठाधेश्वर प्रभंजनानंद शरण महाराज के पावन सानिध्य में ही रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा हो रही है. कथा के पांचवें दिन महाराज ने वर्तमान सामाजिक परिवेश के संदर्भ में कहा कि समाज में बुरे लोगों की सक्रियता उतनी बुरी नहीं है, जितने अच्छे लोगों की निष्क्रियता. आने वाले संतानों को धन बैभव मत देना, परंतु आदर्श चरित्र व संस्कार अवश्य देना चाहिए. सत्य के मार्ग पर चलने वाले को कठिनाई जरूर होती है. परंतु, इतिहास इन्हीं लोगों के द्वारा लिखा जाता है. महाराज ने कहा कि श्रीराम के पगधूली से केवट का जीवन धन्य हो गया. वे रामायण में वार्णित केवट प्रसंग सुना रहे थे. मर्मस्पर्शी कथा सुन मानव मन भक्ति में विभोर होता रहा. जब पगधूली पखार ने के लिए केवट की अर्द्घांगिनी ने जल पात्र की चर्चा की, तब गरीब केवट के भक्त हृदय से निकले कथन श्रोता प्रेमाश्रु निवेदित कर रहे हैं. सोने चांदी के पात्र नहीं, हो क्या लकड़ी की कठौती ही श्रीराम पगधूलि का अमृतपान करायेगी. कहा कि लकड़ी की नाव से जीवन पार लग जायेगा और लकड़ी की कठौती से जनम जनम भवपार. कथा श्रवण को लेकर आयोजन स्थल पर आस्थावानों की भीड़ उमड़ने लगी महाराज ने कथा का अंत राम भरत मिलाप से किया. मौके पर फुनु सिंह, जितेंद्र सिंह, नवल सिंह, सियाराम सिंह, घिकु सिंह, बुलु मिस्त्री आदि कार्यक्रम की सफलता के लिए तत्पर है.
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