नवादा कार्यालय. चमत्कार और जादू जैसी कोई चीज नहीं होती. विज्ञान ही आधुनिक युग में चमत्कार है. उक्त बातें बीएचयू आइआईटी के रिसर्चर मनोहर कुमार ने शनिवार को बिहार दिवस पर आयोजित साइंस शो में कहीं. बिहार दिवस पर टाउन हॉल में आयोजित साइंस शो की शुरुआत डीएम रवि प्रकाश व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर की. डीएम के प्रयास से जिले के विद्यार्थियों व अन्य लोगों को विज्ञान के सैकड़ों प्रयोग को देखने का अवसर मिला. विशेष कार्यक्रम में एडीएम चंद्रशेखर आजाद, गोपनीय शाखा प्रभारी राजीव कुमार, सदर एसडीओ अखिलेश कुमार, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, प्रभारी डीपीआरओ अमरनाथ कुमार, शिक्षा विभाग से डीइओ दिनेश चौधरी, डीपीओ तनवीर आलम, मजहर हुसैन, अर्चना कुमारी आदि साइंस शो का आनंद लेते रहे. साइंस शो बना कार्यक्रम रहा आकर्षण का केंद्र आयोजित साइंस शो कार्यक्रम ने विद्यार्थियों व शिक्षकों का विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया. इस शो का नेतृत्व आइआरओ के फाउंडर व आइआइटी बीएचयू के रिसर्चर मनोहर कुमार ने किया. उन्होंने विज्ञान की रोचकता को दर्शाते हुए छात्रों के समक्ष अद्भुत प्रयोग प्रस्तुत किया. उन्होंने विज्ञान को मनोरंजक एवं सहज तरीके से समझाने के लिए कई दिलचस्प प्रयोग किये. पानी में आग जलाना, विभिन्न गैसों के प्रयोग से बादल का निर्माण करना, रंग बदलने वाले रसायनिक प्रयोग, आग को संगीत की धुन पर नृत्य कराना, हीलियम और सल्फर हेक्साफ्लोराइड गैस के माध्यम से व्यक्ति की आवाज बदलना, आग को मिठाई की तरह खाने जैसे अनेकों वैज्ञानिक प्रयोग करके दिखाये. विज्ञान के प्रति जगायी रूचि इन प्रयोगों ने विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति नयी जिज्ञासा उत्पन्न की और उन्होंने विज्ञान को मात्र एक विषय नहीं, बल्कि जीवन का अभिन्न अंग माना. कार्यक्रम के दौरान मंच पर बच्चों को भी अपने प्रयोग में शामिल किया. मंच पर पहुंचे मान्या वर्मा, वीरांश, पुष्पित वर्मा सहित कई विद्यार्थियों ने कहा कि इन प्रयोगों को नजदीक से समझने और स्वयं आजमाने का अवसर मिला. कार्यक्रम में मंच संचालन विजय शंकर पाठक ने किया. इस दौरान जिलेभर के स्कूलों के विद्यार्थी, शिक्षक आदि शामिल हुए. छात्रों और शिक्षकों ने कार्यक्रम को सराहा कार्यक्रम के अंत में छात्रों और शिक्षकों ने साइंस शो के प्रति अपनी प्रसन्नता व्यक्त की. विद्यार्थियों ने कहा कि यह कार्यक्रम उनके लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक रहा. शिक्षकों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम विज्ञान व नवाचार के प्रति छात्रों की रुचि बढ़ाने में मददगार होते हैं. बिहार दिवस का गौरवपूर्ण उत्सव: बिहार दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि राज्य की समृद्ध परंपराओं, संघर्षों और उपलब्धियों को स्मरण करने का अवसर है. यह दिन हमें बिहार की अनूठी विरासत, उसकी शिक्षा और वैज्ञानिक प्रगति को अपनाने की प्रेरणा देता है.
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