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बुधवार देर शाम बिगड़ी थी बात, गुरुवार को लोगों ने काटा बवाल

पुलिस पर गर्भवती महिला को पीटने का आरोप फॉर्म भर कर आ रही थी महिला, किया जख्ती पकरीबरावां : बुधवार की देर शाम देवधा गांव में मछली मारने को लेकर दो पक्षों में हुई रोड़ेबाजी के बाद गुरुवार को फिर दोनों पक्षों की ओर से गोलियां चलीं. इस घटना में किसी के हताहत होने की […]

पुलिस पर गर्भवती महिला को पीटने का आरोप

फॉर्म भर कर आ रही थी महिला, किया जख्ती
पकरीबरावां : बुधवार की देर शाम देवधा गांव में मछली मारने को लेकर दो पक्षों में हुई रोड़ेबाजी के बाद गुरुवार को फिर दोनों पक्षों की ओर से गोलियां चलीं. इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. घटना की सूचना मिलते ही पकरीबरावां पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर लोगों को समझाया. सब इंस्पेक्टर शेर आलम ने लोगों को आपसी समरसता बनाने की अपील की.जानकारी के मुताबिक गांव के समीप एक तालाब है, जहां मछली मारने को लेकर दो पक्षों के बीच तनातनी हो गयी. मारपीट के बाद रोड़ेबाजी भी हुई. गुरुवार को अनुमंडल पदाधिकारी अनू कुमार व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पकरीबरावां श्रीप्रकाश सिंह घटनास्थल पर पहुंच कर लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया तथा मामले की जानकारी ली. पुलिस घटनास्थल पर कैंप कर रही है. फिलहाल स्थिति सामान्य है.घटना में चद्रिका पासवान,वासो महतो,भिखारी प्रसाद और संजय महतो गंभीर रूप से जख्मी हैं.
अलग-अलग तीन प्राथमिकियां दर्ज
मछली मारने को लेकर उत्पन्न विवाद के बाद दो पक्षों द्वारा अलग-अलग तीन प्राथमिकियां दर्ज करायी गयी हैं. इसमें दो प्राथमिकी पासवान समुदाय की ओर से जबकि एक प्राथमिकी कुशवाहा समाज की ओर से दर्ज करायी गयी है. इसमें दर्जनों लोगों को मामले का अभियुक्त बनाया गया है. प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद कुल आठ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
जदयू जिलाध्यक्ष से सुनायी आपबीती
मछली मारने को लेकर उत्पन्न विवाद के बाद पुलिस लोगों को समझाने पहुंची थी. लेकिन, लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. इसी दौरान देवधा गांव की आरती कुमारी जो कि गर्भवती थी, उसे घर घुस कर पुलिसकर्मियों ने पीट दिया. आरती ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वह बीए पार्ट-3 का फॉर्म भर कर कॉलेज से आयी थी. तभी पुलिस यह कह कर उसे पीटने लगी कि वह भी रोड़ेबाजी में शामिल थी. हालांकि उक्त मामले को लेकर उक्त युवती ने वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सह जदयू के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार से अपना दुखड़ा सुनाया. उसने कहा कि पुलिस को वह कॉलेज की रसीद दिखाती रही कि वह घटना में शामिल नहीं थी.
बावजूद पुलिस उनकी एक न सुनी.इधर, थानाध्यक्ष संजय कुमार ने ऐसी किसी प्रकार की घटना से इन्कार किया है. उन्होंने बताया कि पुलिस उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए डंडे बरसायी थी. लोगों का आरोप निराधार हैं .पुलिस को जान बूझ कर किसी को पीटने की मंशा नहीं थी.

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