नवादा : एक समय था जब नवादा से दूसरे जिलों में बालू की सप्लाई की जाती थी, लेकिन अब स्थिति यह हो गयी कि जिला खुद बालू के लिए तरस रहा है़ वर्तमान में पांच साल के लिए बालू घाटों का टेंडर लेनेवाले मेसर्स जय माता दी को भी बालू उठाव पर बार-बार रोक का सामना करना पड़ रहा है़ विभाग ने नयी बंदाेबस्ती के माध्यम से चार अतिरिक्त बालू घाटों का टेंडर कर उसे बालू उठाव की अनुमति दे दी है़ इस व्यवस्था से जिले को बालू आपूर्ति करना मुश्किल होता जा रहा है़
निर्धारित दर से प्रति 100 सीएफटी बालू के बदले दोगुणा राशि लिये जाने की शिकायत खुदरा बालू दुकानदार कर रहे हैं. आमलोगों को भी अतिरिक्त राशि ली जा रही है़ जिले में कुल 59 बालू घाटों का ठेका जय माता दी को दिया गया था. यह पांच सालों के लिए हुआ था़ लेकिन, पिछले एक साल से पटना से बार-बार बालू उठाव पर रोक लगा दी जा रही है़ इसके बाद चार नये बालू घाटों के संवेदकों द्वारा बालू उठाव का काम शुरू करा दिया गया है़
इस नये बालू घाटों को जोड़ कर जिले में कुल 63 बालू घाट हो गये हैं. हालांकि पुराने संवेदक ने सरकार के खिलाफ कोर्ट में भी मामला दायर किया है़ बता दें कि सरकार ने जो व्यवस्था की है उसमें लोगों को विभिन्न टैक्स मिला कर 1800 रुपये प्रति 100 सीएफटी देना पड़ रहा है़ जबकि पूर्व में 100 सीएफटी बालू के लिए 1400 सौ रुपये लिये जाते थे़ इसके बाद बालू घर तक पहुंच जाता था़ इसके अलावा निगम ने भी बालू बेचने का जिम्मा ले लिया है़ नये खुदरा दुकानदार निगम से बालू खरीद रहे हैं़ मुख्यालय स्थित कार्यालय में राशि जमा कराने के बाद खुदरा दुकानदारों को बालू उठाव का आदेश दिया जाता है़ राज्य सरकार ने बालू की आपूर्ति आसानी से कराने के लिए जिले भर में 67 खुदरा दुकानदारों को नियुक्त किया है़ ये दुकानदार आठ प्रतिशत कमीशन पर बालू बेचते हैं़ इन खुदरा दुकानदारों को निगम से इन्वाइस कटाने के बाद उनसे करीब 70 फीसदी अतिरिक्त नाजायज राशि लिये जाने की शिकायत हमेशा से रही है़ बता दें कि 100 सीएफटी की रॉयल्टी मात्र 758 रुपये 52 पैसे ही निर्धारित है. लेकिन, विभिन्न प्रकार के टैक्स जोड़ कर बालू की कीमत 1867 रुपये हो गये है़ं फिर भी लोगों को बालू नहीं मिल रहा है़