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सिरदला के जंगलों में जवानों ने चलाया सर्च ऑपरेशन
सिरदला : मंगलवार को सिरदला प्रखंड के नक्सल प्रभावित गांव के सटे जंगलो में नक्सलियों की होने की सूचना पर मंगलवार को कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया गया. झारखंड के सीमाई क्षेत्र व गया जिला के फतेहपुर थाना से सटे गांव जमुनिया, मोहनरिया,रामरायचक,खटांगि, मढ़ी, पोखरियाकॉल, क्लोन्दा, जमुनिया, भीतिया में नक्सलियों की चहलकदमी की सूचना मिली थी. नक्सलियों […]
सिरदला : मंगलवार को सिरदला प्रखंड के नक्सल प्रभावित गांव के सटे जंगलो में नक्सलियों की होने की सूचना पर मंगलवार को कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया गया. झारखंड के सीमाई क्षेत्र व गया जिला के फतेहपुर थाना से सटे गांव जमुनिया, मोहनरिया,रामरायचक,खटांगि, मढ़ी, पोखरियाकॉल, क्लोन्दा, जमुनिया, भीतिया में नक्सलियों की चहलकदमी की सूचना मिली थी. नक्सलियों की गतिविधि की जानकारी मिलते ही एसएसबी के कमांडेंट नागेश्वर दास के नेतृत्व में नक्सलियों की टोह में कॉन्बिंग ऑपरेशन किया गया है.
सूचना पर एसएसबी के जवानों और सिरदला पुलिस सहित सैप जवानों ने गुरूवार को नक्सलियों की तलाश में झारखंड के कोडरमा व गया जिला से सटे सिरदला थाना क्षेत्र में कॉम्बिंग ऑपरेशन किया. हालांकि माओवादियों का कहीं कोई सुराग नहीं मिला है. एसएसबी कमांडेंट नागेश्वर दास ने बताया कि सिरदला के जंगल में नक्सली की मूवमेंट होने की सूचना मिली थी.
बड़ी घटना होने की आशंका: सूत्रो की माने तो रजौली और सिरदला के जगलों में नक्सलियों के जमावाड़ा से क्षेत्र में बड़ी घटना की आशंका जताया जा रहा है.कई बार सिरदला के जंगल में नक्सलियों के शीर्ष नेताओं की बैठक भी हुई है. इसमें क्षेत्र में बड़ी घटना को देने की योजना बनाने की बात आ रही है
जंगल के सटे गांव में अक्सर आते हैं नक्सली
सूत्रों की माने तो शाम ढलते ही हथियार बंद नक्सली सिरदला के जंगल के सटे गांव में अक्सर आते है. नक्सली संगठन को फिर से मजबूत बनाने के लिए कार्य करने का प्रयास करते है. वर्ष 14 मई 2008 को पुलिस व माओवादियों की मुठभेड़ में संगठन को तो काफी नुकसान हुआ था. जिस के बाद इस क्षेत्र से लगभग माओवादी पलायन ही कर गये थे.
अपना खोया हुआ जनाधार पुनः पाने के लिए माओवादी संगठन इन क्षेत्रों में कुछ वर्षो से लगातार सक्रिय हुए ही थे और लगभग अपने मकसद में कामयाब भी हो रहे थे कि 8 मार्च को गया जिला के कोबरा और माओवादी के बीच हुई मुठभेड़ में माओवादी ने अपने चार तेज तरार फौजदार को खो दिया. मुठभेड़ के बाद दूसरे नक्सली संगठन भी इन क्षेत्रो में हाल के दिनों में काफी सक्रिय हुआ है. जिसमें टीपीसी का नाम प्रमुख है.इसके अलावा भी एक नक्सली संगठन पीएलएफआई के गुर्गो को भी इन क्षेत्रो में विचरण करते पाया गया है.
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