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जांच कराने में थक जाते हैं रोगी

यूनानी व आयुष डॉक्टरों के भराेसे व्यवस्था सरकारी सुविधाओं के नाम पर सिर्फ दिखावा रोह: पीएचसी में न तो पर्याप्त संख्या में डॉक्टर हैं और न ही बेड की उपलब्धता़ इसके चलते मरीजों को दिक्कतें हो रही हैं डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है़ लोग अस्पताल आकर निराश […]

यूनानी व आयुष डॉक्टरों के भराेसे व्यवस्था
सरकारी सुविधाओं के नाम पर सिर्फ दिखावा
रोह: पीएचसी में न तो पर्याप्त संख्या में डॉक्टर हैं और न ही बेड की उपलब्धता़ इसके चलते मरीजों को दिक्कतें हो रही हैं डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है़ लोग अस्पताल आकर निराश होकर लौट जाते हैं
आयुष, यूनानी और दंत चिकित्सकों के भरोसे अस्पताल की व्यवस्था चल रही है़ इसके कारण प्रखंडवासियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. रोह पीएचसी स्वास्थ्य केंद्र में कई चिकित्सक कार्यरत हैं. इसमें एमबीबीएस बालमुकुंद चौधरी, यूनानी जावेद अहमद, दंत चिकित्सक दीपक कुमार कार्यरत हैं.पीएचसी में प्राथमिक उपचार केंद्र सिर्फ केंद्र बन कर रह गया है.
यहां न तो रोगियों के लिए पर्याप्त बेड उपलब्ध है और न ही बेड पर चादर की व्यवस्था है़ चिकित्सक के अभाव में लोग इलाज के लिए बाहर जाते हैं
सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है. पीएचसी में प्रभारी राज किशोर प्रसाद के अनुसार यहां स्त्री व शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. इससे महिला और शिशुओं के इलाज में दिक्कत होती है़ पीएचसी की क्षमता मात्र छह बेड की है. जबकि सामान्यत: क्षमता से अधिक रोगी यहां आते हैं. प्रतिदिन लगभग 200 मरीज ओपीडी में आते हैं.
बंध्याकरण कराने आयी महिलाओं को जमीन पर लिटा दिया जाता है़ सामान्य रोग की जांच करानेवाले को काफी इंतजार करना पड़ता है़ ओपीडी में लगे आरओ भी लगभग एक साल से खराब है. इसके कारण पीने के पानी के लिए लोग भटकते हैं रोह पीएचसी में भवन चहारदीवारी की भी समस्या है.

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