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पार्श्वनाथ की प्रतिमा को तोड़ने पर लोगों में आक्रोश
जैन समाज के प्रतिनिधि ने की दोषियों पर कार्रवाई की मांग नवादा : झारखंड स्थित प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल कोल्हुआ पहाड़ पर स्थापित तीर्थंकर पाशर्वनाथ की अति प्राचीन प्रतिमा को असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़े जाने की घटना के बाद जैन धर्मावलंबियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है. जैन समाज के नवादा प्रतिनिधि दीपक जैन ने बताया […]
जैन समाज के प्रतिनिधि ने की दोषियों पर कार्रवाई की मांग
नवादा : झारखंड स्थित प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल कोल्हुआ पहाड़ पर स्थापित तीर्थंकर पाशर्वनाथ की अति प्राचीन प्रतिमा को असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़े जाने की घटना के बाद जैन धर्मावलंबियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है. जैन समाज के नवादा प्रतिनिधि दीपक जैन ने बताया कि चतरा जिला के दंतार ग्राम स्थित प्रसिद्ध कोल्हुआ पहाड़ जैन धर्म के 10वें तीर्थंकर भगवान शीतलनाथ की जन्म के साथ ही तप एवं कैवल्य ज्ञान स्थली है.
उन्होंने बताया कि इसी पहाड़ पर अवस्थित 23वें तीर्थंकर भगवान पाशर्वनाथ की अतिदुर्लभ प्राचीन प्रतिमा है, जिसे असमाजिक तत्वों द्वारा तोड़ दिया गया, जिसके कारण न केवल जैन समाज में गहरा रोष व्याप्त है, बल्कि जैन धर्मस्थलों की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लग गया है.
श्री जैन ने कहा कि भारतीय संविधान में जैन धर्मावलंबियों को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है, बावजूद देश के विभिन्न स्थानों पर उनके हितों की अनदेखी के साथ ही घटित होने वाली ऐसी असहनीय घटनाओं से समाज मर्माहत है. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अविलंब दोषियों को चिन्हित कर उन्हें कठोर रूप से दंडित किया जाये, अन्यथा जैन समाज व्यापक रूप से सड़कों पर उतरने को विवश होंगे. श्री जैन ने इस बाबत झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र प्रेषित कर उन्हें इस मामले से अवगत कराते हुए अल्पसंख्यक जैन धर्मावलंबियों के हितों की रक्षा व जैन धर्मस्थलों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया है.
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