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फूहड़ गीतों ने किया शर्मसार
सड़कों पर महिलाओं का चलना हुआ मुहाल प्रशासनिक अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई डीजेवालों ने भी जीना किया मुहाल धमौल : प्रखंड मुख्यालय सहित समीपवर्ती क्षेत्रों में फूहड़ गीतों के बजने से परिवार के साथ सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है. गीत ऐसे होते हैं, जिनके बोल से लोगों की नजरें शर्म से झुक […]
सड़कों पर महिलाओं का चलना हुआ मुहाल
प्रशासनिक अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई
डीजेवालों ने भी जीना किया मुहाल
धमौल : प्रखंड मुख्यालय सहित समीपवर्ती क्षेत्रों में फूहड़ गीतों के बजने से परिवार के साथ सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है. गीत ऐसे होते हैं, जिनके बोल से लोगों की नजरें शर्म से झुक जाती हैं.
ऑटो व अन्य वाहन चालक, मोबाइल दुकानदारों के अलावा व डीजे सिस्टमवाले ग्राहकों को लुभाने के उद्देश्य से उच्च डेसिबल का उपयोग कर ऐसे गीत बजाते हैं. प्रशासनिक अधिकारी भी इसे नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ जाते हैं. ऑटो में भी इस तरह के गीत आम हो गये हैं. यात्री प्रशासनिक पदाधिकारियों को कोसते हैं. शरारती तत्व मोबाइलों में तेज आवाज में इन गीतों को बजाते हुए गली-मुहल्ले व सार्वजनिक स्थलों पर घूमते रहते हैं.
ऐसी स्थिति में इन गानों को लेकर कब किस जगह किस कदर का विवाद उत्पन्न हो जाए,ये कह पाना मुश्किल है. इन गीतों के चलते जहां महिला यात्री परेशान हैं वहीं गांव व शहरी इलाके की छात्राएं भी शर्म से सिर झुका लेती हैं. हालांकि कानूनन रूप से इन गीतों को सार्वजनिक स्थानों पर बजाने की अनुमति नहीं होती है. स्थानीय लोगों द्वारा कई बार पुलिस पदाधिकारियों से शिकायत की गयी, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी. इस संबंध में थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि मोबाइल दुकानों व संबंधित अन्य लोगों को इस तरह के गीत नहीं बजाने को कहा गया है.
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