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नालंदा में यहां बनेगा बिहार का पहला मशरूम गांव, जानिए विभाग की तैयारी

Bihar News: बिहार के कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए नालंदा जिला प्रशासन एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है. जिसके तहत इस जिले के बिंद प्रखंड को बिहार के पहले 'मशरूम ग्राम' के रूप में विकसित किया जाएगा.  

Bihar News: बिहार के कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए नालंदा जिला प्रशासन एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है. इस जिले के बिंद प्रखंड को बिहार के पहले ‘मशरूम ग्राम’ के रूप में विकसित किया जाएगा.  

किसानों को मिलेगा मशरूम किट

उद्यान विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस साल नालंदा में 18,000 बटन मशरूम किट और 11,500 ऑलस्टार मशरूम किट का वितरण किया जाएगा. सरकार की इस विशेष उदार अनुदान नीति के तहत बटन मशरूम किट, जिसकी वास्तविक लागत 90 रुपए है, केवल 9 रुपए में किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं, 75 रुपए की लागत वाली ऑलस्टार मशरूम किट सिर्फ 7.50 रुपए में मिलेगी.

मशरूम उत्पादन की बनेगी विशिष्ट पहचान

मिली जानकारी के अनुसार विभाग की योजना है कि कुल मशरूम किट का 25 प्रतिशत हिस्सा बिंद के इच्छुक किसानों को उपलब्ध कराया जाए. इसके यहां मशरूम उत्पादन की एक विशिष्ट पहचान बन सकेगी. इस पहल की विशेषता यह है कि इस बार प्रशिक्षण सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को हटा दिया गया है, जिससे अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का फायदा मिल सकेगा.

फैलाई जाएगी जागरुकता

बिंद के प्रखंड उद्यान पदाधिकारी को किसानों के साथ बड़े स्तर पर संपर्क करने और मशरूम खेती के लिए जागरुकता फैलाने का दायित्व सौंपा गया है. योजना के अनुसार, किसानों को विभिन्न राज्यों में भेजकर उन्नत मशरूम उत्पादन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. एक किसान को न्यूनतम 20 और अधिकतम 100 मशरूम किट उपलब्ध कराई जाएगी.

ड्रैगन फ्रूट की खेती को भी प्राथमिकता

इसके अलावा कृषि विविधीकरण की इस मुहिम में ड्रैगन फ्रूट की खेती को भी प्राथमिकता दी जा रही है. प्राप्त  जानकारी के अनुसार वर्तमान में नगरनौसा, अस्थावां और नूरसराय प्रखंडों में एक-एक किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. इस फसल की विशेषता है कि कम पानी में भी इसका बेहतर उत्पादन होता है. इसमें प्रति हेक्टेयर तीन लाख रुपए तक का अनुदान मिलता है.

तैयार होगी किसानों की सूची

बता दें कि सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह ड्रैगन फ्रूट की खेती में रुचि रखने वाले किसानों की सूची तैयार करें. विभाग इस साल अधिक से अधिक किसानों को इस लाभकारी खेती से जोड़ने का लक्ष्य बनाया है.

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मोती की खेती को मिलेगा बढ़ावा

इसके अलावा यहां मोती की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए विभाग नए किसानों को इस अनूठी खेती से जोड़ने की रणनीति पर काम कर रहा है. इस कड़ी में मोती की खेती के लिए उपयुक्त स्थल और किसानों के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी. इन नई खेती की पहल से न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि जिले में कृषि आधारित उद्योगों के विकास की भी नई संभावनाएं बनेंगी.

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Rani Thakur
Rani Thakur
बंगाल की धरती पर एक दशक से अधिक समय तक समृद्ध पत्रकारिता अनुभव के साथ, रानी ठाकुर अब बिहार की धरती पर अपनी लेखनी से पहचान बना रही हैं. कोलकाता में कई राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित अखबारों के लिए रिपोर्टिंग और सब-एडिटिंग का अनुभव हासिल करने के बाद, वे अब प्रभात खबर के डिजिटल डेस्क से जुड़ी हैं, जहां वे लाइफ स्टाइल की खबरों के माध्यम से अपनी रचनात्मक सोच और पत्रकारिता कौशल को नई दिशा दे रही हैं.

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